नई दिल्ली, 28 जून ()। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का एक बड़ा बाजार उभर रहा है, और जी-7 देशों से इस क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और विनिर्माण में निवेश करने का आह्वान किया।
मोदी ने जर्मनी में जी7 शिखर सम्मेलन में बेहतर भविष्य में निवेश: जलवायु, ऊर्जा, स्वास्थ्य सत्र में अपने भाषण के दौरान कहा कि प्राचीन भारत ने अपार समृद्धि का समय देखा है।
तब हमने सदियों की गुलामी भी सहन की है, और अब स्वतंत्र भारत पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है।
लेकिन इस पूरी अवधि के दौरान, भारत ने पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को थोड़ा भी कमजोर नहीं होने दिया। दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी भारत में रहती है। लेकिन, वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में हमारा योगदान केवल 5 प्रतिशत है। मुख्य इसके पीछे कारण हमारी जीवनशैली है, जो प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व के सिद्धांत पर आधारित है।
उन्होंने आगे कहा: आप सभी भी इस बात से सहमत होंगे कि ऊर्जा का उपयोग केवल अमीरों का विशेषाधिकार नहीं होना चाहिए – एक गरीब परिवार का भी ऊर्जा पर समान अधिकार है। और आज जब भू-राजनीतिक तनाव के कारण ऊर्जा की लागत आसमान छू रही है। इस बात को याद रखना ज्यादा जरूरी है। इस सिद्धांत से प्रेरणा लेकर हमने भारत में एलईडी बल्ब और स्वच्छ रसोई गैस घर-घर पहुंचाई और दिखाया कि गरीबों के लिए ऊर्जा सुनिश्चित करते हुए लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को बचाया जा सकता है।
मोदी ने कहा कि जब भारत जैसा बड़ा देश ऐसी महत्वाकांक्षा दिखाता है तो अन्य विकासशील देशों को भी प्रेरणा मिलती है।
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