एसटीएफ के छह जवानों की हत्या के आरोप में ठोकिया गिरोह के 13 सदस्यों को उम्रकैद

Sabal Singh Bhati
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एसटीएफ के छह जवानों की हत्या के आरोप में ठोकिया गिरोह के 13 सदस्यों को उम्रकैद बांदा (उत्तर प्रदेश), 1 जुलाई ()। डकैत ददुआ की हत्या का बदला लेने के लिए उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी-एसटीएफ) के छह जवानों की हत्या करने वाले तत्कालीन ठोकिया गिरोह के 13 सदस्यों को बांदा विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। घटना 2007 की है।

सरकारी वकील जय प्रकाश साहू ने कहा कि बांदा की विशेष न्यायाधीश (डकैती विरोधी) नूपुर ने गिरोह के प्रत्येक सदस्य पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए सजा सुनाई। अगर वे भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

मारे गए डकैत अंबिका पटेल ठोकिया के गिरोह के 13 सदस्यों को 2007 में तत्कालीन मोस्ट वांटेड ब्रिगेडियर शिव कुमार ददुआ की हत्या का बदला लेने के लिए बांदा जिले में घात लगाकर यूपी-एसटीएफ के छह कर्मियों की हत्या करने का दोषी ठहराया गया था।

दोषियों में नाथू पटेल, देव शरण पटेल, शंकर सिंह, चुनबाद, शिव नरेश, राम बाबू, अशोक, ज्ञान सिंह, धनीराम, किशोरी लाल, धर्मेद्र प्रताप सिंह, कल्याण सिंह और राम प्रसाद शामिल हैं। ठोकिया गैंग ने 23 जुलाई 2007 को यह घटना को अंजाम दिया था।

मारे गए एसटीएफ के जवान उस टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने कुछ घंटे पहले ददुआ को एंकाउंटर में मार गिराया था।

ठोकिया और उसके लोगों ने एसटीएफ के जवानों को ले जा रहे एक वाहन पर स्वचालित हथियारों से गोलियां चलरई और ग्रेनेड फेंके। वाहन के पीछे मौजूद एक अन्य दल ने डकैतों का विरोध किया, जो फिर जंगलों में चले गए।

एसटीएफ के जवानों की पहचान ईश्वर देव सिंह, उमा शंकर यादव, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, राजेश चौहान, बृजेश यादव और गिरीश चंद्र के रूप में हुई है।

एफआईआर में 17 लोगों के नाम हैं और उनमें से एक मोहम्मद अनीस को जांच में क्लीन चिट दे दी गई है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने मामले में 29 गवाह पेश किए थे।

आरोपी विचित्रवीर सिंह और राम स्वरूप सिंह के वकीलों ने कहा कि वे अदालत के आदेश का अध्ययन करेंगे और उसके बाद इस पर टिप्पणी करेंगे।

अगस्त 2008 में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, अमिताभ यश के नेतृत्व में एसटीएफ टीम के साथ मुठभेड़ में ठोकिया मारा गया था। ठोकिया पर 6 लाख रुपये का नकद इनाम था और उसके खिलाफ 147 आपराधिक मामले थे।

बता दें, 2017 में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में एक और डकैत बलखंडे मारा गया था।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times