नई दिल्ली, 13 मई ()। लिडार तकनीक का उपयोग कर शुक्रवार को महाराष्ट्र के जालना-जलगांव रेलवे लाइन का हवाई सर्वेक्षण किया गया।
जालना और जलगांव जिले के लोगों को 174 किलोमीटर लंबी रेल लाइन की सुविधा के लिए इसका निर्माण किया जाएगा। इसका सर्वेक्षण कार्य (भौतिक रूप से) चल रहा है और अब विमान हवाई सर्वेक्षण के लिए शुक्रवार को अकोला में इसकी शुरूआत की गई। रडार (लिडार) तकनीक का उपयोग करके इसका हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा। विमान सर्वेक्षण के लिए प्रतिदिन 50 किलोमीटर की दूरी भी तय करेगा। इससे फाइनल लोकेशन सर्वे में तेजी आएगी। राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे के अनुसार 14 से 17 मई तक चार दिनों में हवाई सर्वेक्षण किया जाएगा।
दरअसल भारतीय रेल मंत्रालय की ओर से जालना-जलगांव रेलवे लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण को केंद्रीय रेल, कोयला और खान राज्य मंत्री, रावसाहेब पाटिल दानवे ने बीते 8 फरवरी को ही मंजूरी दी थी।
पहली बार मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में मिली सफलता के बाद भारतीय रेलवे इसे अपने दूसरे प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल करने जा रही है। सटीक सर्वेक्षण देने के लिए ये तकनीक जीपीएस डेटा, लेजर डेटा, उड़ान मापदंडों के संयोजन का उपयोग करती है।
यह एक सुदूर संवेदन विधि है जो पृथ्वी में उपलब्ध दूरियों को मापने के लिए स्पंदित लेजर के रूप में प्रकाश का उपयोग करती है। प्रणाली में प्रकाश दालें पृथ्वी के आकार और इसकी सतह की विशेषताओं के बारे में त्रि-आयामी जानकारी उत्पन्न करती हैं।
लिडार उपकरण में एक स्कैनर, लेजर और एक जीपीएस रिसीवर होता है। लिडार डेटा हासिल करने के लिए हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले प्लेटफॉर्म हैं।
देश विदेश की तमाम बड़ी खबरों के लिए निहारिका टाइम्स को फॉलो करें। हमें फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। ताजा खबरों के लिए हमेशा निहारिका टाइम्स पर जाएं।