कई बार इंसान मेहनत तो बहुत करता है, लेकिन किस्मत साथ नहीं देती। पैसों की कमी, कर्ज का बोझ, और अचानक आने वाले खर्चे जीवन को कठिन बना देते हैं। ज्योतिषशास्त्र में रत्न धारण करने का उपाय बताया गया है। जेमोलॉजी के अनुसार, हर ग्रह का अपना विशिष्ट रत्न होता है, जो सही व्यक्ति द्वारा सही समय और विधि से धारण करने पर भाग्य चमका सकता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह कमजोर हों या विपरीत दिशा में असर कर रहे हों, तो उचित रत्न उन्हें संतुलित कर आर्थिक और मानसिक राहत प्रदान करते हैं।
आज हम आपको 5 शक्तिशाली रत्नों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके धारण करने से भारी कर्ज से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में धन, सुख और समृद्धि के नए द्वार खुल सकते हैं। गार्नेट राहु ग्रह का रत्न है। यह अचानक धन वृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाने में मदद करता है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से कर्ज के बोझ में दबा है, तो यह रत्न उसे संकट से बाहर निकालने की क्षमता रखता है। गार्नेट नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करके आत्मविश्वास बढ़ाता है।
यह व्यक्ति को सही आर्थिक निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, जिससे धन का प्रवाह बढ़ता है। कई ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस रत्न को धारण करने से अचानक अप्रत्याशित लाभ भी मिलता है। गार्नेट को चांदी या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर शनिवार के दिन, शाम के समय मध्यमा उंगली में धारण करना शुभ माना गया है। मोती यानी पर्ल, चंद्रमा का रत्न है। यह व्यक्ति के मन को शांत करता है और सोच में स्पष्टता लाता है। जब मन स्थिर होता है, तब व्यक्ति बेहतर निर्णय लेकर धन के नए स्रोत बनाने में सक्षम होता है।
मोती धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन से मानसिक तनाव दूर होता है। वह भावनात्मक रूप से संतुलित होकर आर्थिक मामलों में समझदारी से कदम उठाता है। परिणामस्वरूप, कर्ज धीरे-धीरे समाप्त होने लगता है और जीवन में धन का प्रवाह बढ़ता है। मोती को सोमवार के दिन, चांदी की अंगूठी में जड़वाकर कनिष्ठा उंगली में पहनना चाहिए। धारण करते समय मंत्र, “ॐ सों सोमाय नमः” का 108 बार जाप करें। हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है जो व्यक्ति के जीवन में विलासिता, समृद्धि और आकर्षण लेकर आता है।
जो व्यक्ति लगातार आर्थिक संकट या व्यापार में हानि झेल रहा हो, उसके लिए हीरा बेहद शुभ माना गया है। यह धन के प्रवाह को बढ़ाता है और निवेश या करियर में भाग्यशाली अवसर दिलाता है। हीरा शुक्रवार के दिन, चांदी या सोने की अंगूठी में कनिष्ठा उंगली में पहनें। मंत्र, “ॐ शुक्राय नमः” का 108 बार जाप करें। नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से है। यह रत्न जल्दी असर दिखाता है, लेकिन इसे हमेशा अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह से पहनना चाहिए। नीलम धारण करने से व्यक्ति की मेहनत रंग लाती है।
यह आलस्य को दूर करता है और कर्म के प्रति समर्पण बढ़ाता है। जब व्यक्ति अपने कर्म पर केंद्रित हो जाता है, तो उसकी आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार होता है। कहा जाता है कि यह रत्न धन स्थिर करता है। कर्ज धीरे-धीरे कम होने लगता है और जीवन में स्थायी समृद्धि आती है। नीलम को शनिवार के दिन, मध्यमा उंगली में, शुद्ध पंचधातु की अंगूठी में पहनें। धारण करते समय मंत्र, “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
पायराइट, जिसे Fool’s Gold भी कहा जाता है, देखने में सोने जैसा होता है और ऊर्जा के स्तर पर यह धन आकर्षित करने वाला रत्न माना जाता है। यह व्यक्ति की ऊर्जा को धन अर्जन की दिशा में केंद्रित करता है। पायराइट धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है। यह रत्न घर या कार्यस्थल में रखने से भी वास्तु दोषों को कम करता है और समृद्धि का प्रवाह बढ़ाता है। माना जाता है कि पायराइट धारण करने से घर की आर्थिक तंगी समाप्त होती है और व्यक्ति धीरे-धीरे कर्ज मुक्त हो जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, रत्न किसी जादू की तरह तुरंत परिणाम नहीं देते, बल्कि धीरे-धीरे व्यक्ति की ऊर्जा, आत्मविश्वास और परिस्थितियों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। रत्न तभी प्रभावी होते हैं जब, उन्हें योग्य ज्योतिषाचार्य की सलाह से चुना गया हो, सही ग्रह के अनुरूप सही धातु और विधि से धारण किया गया हो और व्यक्ति का मन श्रद्धा व विश्वास से भरा हो। इन तीन शर्तों का पालन करने पर ही रत्न अपना शुभ प्रभाव दिखाते हैं।


