बमिर्ंघम में देश के लिए खेलने गयी संगीता के घरवालों के पास एक अदद टीवी तक नहीं, हॉकी झारखंड ने मुहैया करायी

IANS
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बमिर्ंघम में देश के लिए खेलने गयी संगीता के घरवालों के पास एक अदद टीवी तक नहीं, हॉकी झारखंड ने मुहैया करायी रांची, 28 जुलाई (आईएएनएस)। इंग्लैंड के बमिर्ंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम की एक प्लेयर ऐसी भी है, जिसका घर आज तक एक अदद टीवी का मोहताज था। इस प्लेयर का नाम है संगीता कुमारी, जो झारखंड के सिमडेगा जिले के करंगागुड़ी गांव की रहने वाली है। बेहद कमजोर माली हालत वाले परिवार से आनेवाली संगीता के घर में गुरुवार को हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने रांची से एक नया एलईडी टीवी भिजवाया है।

भारत की महिला हॉकी इस टीम में झारखंड की तीन खिलाड़ी निक्की प्रधान, सलीमा टेटे और संगीता कुमारी शामिल हैं। तीनों बेहद गरीब परिवारों से ताल्लुक रखती हैं और लंबे संघर्ष एवं कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने भारतीय टीम में जगह बनायी है। इनमें से निक्की प्रधान और सलीमा टेटे पिछले साल ओलंपिक में भाग लेकर शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला टीम का भी हिस्सा थीं। संगीता कुमारी को भी इंटरनेशनल स्तर की कई प्रतिस्पर्धाओं में भारतीय टीम की ओर से खेलने का मौका मिला है, लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे प्लेटफॉर्म पर खुद को साबित करने का मौका उनके पास पहली बार आया है।

झारखंड के उग्रवाद प्रभावित सिमडेगा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर केरसई प्रखंड के करंगागुड़ी निवासी संगीता कुमारी का परिवार आज भी कच्चे मकान में रहता है। परिवार में मां-पिता के अलावा पांच बहनें और एक भाई है। थोड़ी बहुत खेती-बाड़ी और मजदूरी से घर का खर्च चलता है। कुछ ही महीने पहले संगीता को तृतीय श्रेणी में रेलवे में नौकरी मिली है। अब इस नौकरी की बदौलत वह घर-परिवार का जरूरी खर्च और बहनों की पढ़ाई का खर्च उठा ले रही है। रेलवे की नौकरी का पहला वेतन जब उसे मिला था, तो वह अपने गांव के बच्चों के लिए हॉकी के बॉल लेकर पहुंची थी।

संगीता के पिता रंजीत मांझी बताते हैं कि हॉकी को लेकर संगीता के दिल में बचपन से जुनून था। गांव की लड़कियों और अपनी बड़ी बहनों को हॉकी खेलता देख उसने भी जिद करके पहली बार बांस से बनायी गयी स्टिक के साथ हॉकी खेलना शुरू किया था। कुछ महीनों बाद सिमडेगा में एक हॉकी प्रतियोगिता में उसे खेलने का मौका मिला तो पहली बारी उसने असली हॉकी स्टिक पकड़ी। इस मैच में शानदार प्रदर्शन से उसने सबका ध्यान खींचा और वर्ष 2012 में उसका चयन राज्य सरकार के आवासीय महिला हॉकी ट्रेनिंग सेंटर में हो गया। इसके बाद से उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2016 में पहली बार इंडिया के कैंप में उसका सेलेक्शन हुआ और इसी साल उसने स्पेन में आयोजित फाइव नेशन जूनियर महिला हॉकी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया। फिर 2016 में ही थाईलैंड में आयोजित अंडर 18 एशिया कप में भारतीय महिला टीम ने कांस्य पदक जीता था। भारत की ओर से इस प्रतियोगिता में कुल 14 गोल किये गये थे, जिसमें से आठ गोल अकेले संगीता के नाम थे। इसके अलावा कई अन्य टूनार्मेंट में शानदार खेल की बदौलत इस बार उसे कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय महिला टीम में जगह मिली है।

गुरुवार को संगीता के घर में टीवी भेजने वाले हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि अब उसके मां-पिता, भाई-बहन उसे बमिर्ंघम में भारत की ओर से खेलते हुए लाइव देख पायेंगे।

आईएएनएस

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