जेल के अंदर की यह वारदात वर्ष 2019 में 26 जून को हुई थी। यहां कैदियों के दो गुट वर्चस्व को लेकर भिड़ गये थे। दोनों ओर से जमकर लाठी-डंडे और पत्थर चले थे। इसमें बुरी तरह घायल दो कैदियों मनोज सिंह और सुमित सिंह को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था, जहां मनोज सिंह ने दम तोड़ दिया था।
इस मामले में अदालत ने जिन आरोपियों को हत्या का दोषी पाया गया है उनमें श्यामु जोजो, पंचानन पात्रो, पिंकू पूरती, अजय मल्लाह, अरुप कुमार बोस, रामराय सुरिन, रमाय करुआ, गंगाधर खंडैत, रमेश्वर अंगारिया, गोपाल तिरिया, शरत गोप, वासुदेव महतो, जानी अंसारा, शिव शंकर पासवान और संजय दिग्गी शामिल हैं।
जानलेवा हमला करने के मामले में शोएब अख्तर, मो तौकिर, अजीत दास, सोनु लाल, सुमित सिंह, ऋषि लोहर और सौरभ सिंह को दोषी माना गया है। इसी मामले के आरोपी हरीश सिंह, अविनाश श्रीवास्तव और जेल के चार कक्षपाल के खिलाफ अदालत में अलग से सुनवाई होगी।
आईएएनएस
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