समाचार एजेंसी डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रविवार को पांच छोटी नावों पर 176 लोगों ने क्रॉसिंग की। 14 अप्रैल से अब तक का आंकड़ा बढ़कर 13,016 हो गया।
इससे इस साल अब तक इंग्लिश चैनल को पार करने वाले लोगों की कुल संख्या 18,284 हो गई है।
सोमवार को ली गई तस्वीरों में प्रवासियों के एक और समूह को दिखाया गया है, जो लाइफ जैकेट और फेस मास्क पहने हुए हैं, जिन्हें सीमा बल के अधिकारियों द्वारा डोवर में लाया जा रहा है।
कई बच्चे अधिकारियों द्वारा वितरित किए गए हल्के नीले रंग के कंबल में लिपटे देखे गए। उनके माता-पिता जहाज से उतरकर बस का इंतजार कर रहे थे।
रक्षा मंत्रालय की पीए समाचार एजेंसी के अनंतिम आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि अगस्त में अब तक 1,885 लोगों को ब्रिटेन लाया गया है।
यह अगस्त 2021 में बचाए गए 3,053 लोगों में से आधे से अधिक है।
गृह सचिव ने अप्रैल में रवांडा सौदे को विश्वस्तरीय योजना का रूप में दिया था, जिससे अन्य देशों को अनुसरण करने के लिए एक खाका मिला।
प्रीति पटेल ने कहा था, ब्रिटेन की शरण प्रणाली वास्तविक मानवीय संकटों और बुरे लोगों के तस्करों के संयोजन के तहत ढह रही है, जो अपने फायदे के लिए सिस्टम का फायदा उठा रहे हैं।
यह उन अनगिनत पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए विनाशकारी परिणाम है, जिन्होंने खतरनाक यात्रा पर अपने जीवन या प्रियजनों को खो दिया है।
उन्होंने कहा, इस बढ़ती समस्या के नए अभिनव समाधान खोजने के लिए वैश्विक नेतृत्व की जरूरत है।
जिस सप्ताह सौदे की घोषणा की गई थी, वह प्रवासी क्रॉसिंग के लिए वर्ष का सबसे व्यस्त वर्ष साबित हुआ, जब 2,076 ने चन्ने की यात्रा की।
आईएएनएस
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