लक्ष्मणन (24) के पार्थिव शरीर के शनिवार को तमिलनाडु के मदुरै जिले के थुमुकुंडु स्थित उनके गृहनगर पादुपट्टी पहुंचने की उम्मीद है।
स्टालिन और तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने सैनिक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की, जो भारतीय सेना में राइफलमैन थे।
मुठभेड़ में शहीद होने की खबर आने के बाद लक्ष्मणन का गृहनगर शोक में डूब गया।
थुमुकुंडु पंचायत के एक स्थानीय किसान आर. के. मुकुंदसामी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, लक्ष्मणन और उनके जुड़वां भाई रामर मेहनती युवा थे और दोनों सेना में शामिल होना चाहते थे। लक्ष्मणन ने बी. कॉम किया, जबकि रामर ने बीबीए किया। लक्ष्मणन जहां 2019 में सेवा में आए और सेना में शामिल हो गए थे, वहीं रामर परिवार की खेती की देखभाल कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि लक्ष्मणन की मां अंडाल को खबर मिलने के बाद वह शोक में डुब गईं।
उनके भाई रामर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उनके माता-पिता, पिता धर्मराज और मां अंडाल ने उन्हें अपने पसंदीदा पेशे को आगे बढ़ाने की पूरी आजादी दी थी। उन्होंने कहा कि लक्ष्मणन नियमित रूप से घर पर फोन करते थे।
तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने एक शोक संदेश में कहा, देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए उनके कर्तव्य और सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी और आभारी रहेगा।
उन्होंने कहा, बहुत दुख की इस घड़ी में, मैं ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने और उनके परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।
आईएएनएस
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