सुभाष चंद्र बोस की बेटी की मांग, घर लाएं जाएं नेताजी के अवशेष

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 15 अगस्त । नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी प्रोफेसर अनीता बोस फैफ ने कहा है कि आजादी के 75 साल का जश्न तीनों देश भारत, पाकिस्तान और बाग्ंलादेश मना रहे हैं। इस स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायकों में से एक सुभाष चंद्र बोस अभी तक अपनी मातृभूमि पर नहीं लौटे हैं।

सुभाष चंद्र बोस को इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के साथी उन्हें प्यार से और सम्मानपूर्वक नेताजी बुलाते थे। उन्होंने जीवन भर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। उन्होंने इस संघर्ष के लिए अपने मन की शांति, पारिवारिक जीवन, अपने करियर और अंत में, अपने जीवन को त्याग दिया।

देशवासियों ने उनके समर्पण और बलिदान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। लोगों ने उनके लिए कई भौतिक और आध्यात्मिक स्मारकों का निर्माण किया और इस तरह उनकी स्मृति को जीवित रखा।

नेताजी के प्रति उनकी प्रशंसा और प्रेम से प्रेरित होकर, भारत में कुछ पुरुष और महिलाएं नेताजी को याद करते हैं। उन्होंने कहा कि 18 अगस्त 1945 को एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु नहीं हुई थी।

फैफ ने कहा, नेताजी की मृत्यु उस दिन विदेश में हुई थी। जापान ने टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में उनके अवशेषों को रखा है। तब से पुजारियों की तीन पीढ़ियों ने अवशेषों की देखभाल की है। अब समय आ गया है कि उनके अवशेषों को भारतीय धरती पर लाया जाए।

उन्होंने नेताजी की अस्थियों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने के लिए लोगों से प्रयास करने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि वह नेताजी के अवशेषों के डीएनए परीक्षण के लिए तैयार हैं।

अनीता बोस फैफ नेताजी की इकलौती संतान है।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times