पणजी, 26 नवंबर ()। मराठी फिल्म फ्रेम के निर्देशक विक्रम पटवर्धन ने शनिवार को कहा कि आज की सनसनीखेज दुनिया में कोई विशेष (एक्सक्लूसिव) खबर नहीं है।
वह गोवा में चल रहे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में टेबल टॉक्स कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि फोटो-मेकिंग में प्रौद्योगिकी की शुरुआत के साथ एक पेशे के रूप में फोटोजर्नलिज्म में हाल के दिनों में प्रतिमान बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, यह फिल्म एक फोटो जर्नलिस्ट के जीवन के बारे में है, जो इस विचार में विश्वास करता है कि एक फोटो जर्नलिस्ट का धर्म लोगों को बिना विकृत किए किसी घटना की रिपोर्ट करना है। अपने कार्य अनुभव से एक फोटो पत्रकार के जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि फोटो पत्रकार एक दिन में कई अलग-अलग दुनिया में रहते हैं और वह हर दिन कई तरह के अनुभवों से गुजरते हैं।
विक्रम पटवर्धन के अनुसार, वे अपने स्वयं के कार्य अनुभव का उपयोग करके एक फोटो पत्रकार के सामने आने वाली चुनौतियों को चित्रित करना चाहते थे। फिल्म नायक के इर्द-गिर्द घूमती है, एक मध्यम आयु वर्ग के फोटो जर्नलिस्ट चंदू पानसरे (सीपी) जो इस विचार में विश्वास करते हैं कि हमारे पेशे की तरह, हमारा जीवन भी एक कला है, और किसी भी कला का कोई प्रारूप नहीं होता। उनकी मान्यताएं तब संघर्ष में आ जाती हैं जब एक व्यक्ति के रूप में उनकी पेशेवर नैतिकता और समाज के प्रति कर्तव्य एक दूसरे के विरोध में आ जाते हैं।
नवनियुक्त युवा फोटो पत्रकार सिद्धार्थ देशमुख को सीपी द्वारा सलाह दी जा रही है और पूर्व पेशेवर नैतिकता के बारे में उत्तरार्ध से असहमत हैं।
केसी/एसजीके