पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ, इस साल मारे गए 14 अल्पसंख्यक

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 7 दिसंबर ()। कश्मीरी पंडितों पर बीते कुछ समय से लगातार चर्चा हो रही है। घाटी में फिर से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं गृह मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि इस साल 30 नवंबर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कुल 14 अल्पसंख्यक मारे गए हैं, जिनमें 3 कश्मीरी पंडित शामिल हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में इस साल 30 नवम्बर 2022 तक 3 कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं। वहीं सरकार का कहना है कि पिछले पांच सालों में किसी कश्मीरी पंडित का घाटी से पलायन नहीं हुआ है। नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने अपने लोगो की सुरक्षा चिंताओं के बारे में मुद्दा उठाया है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने अपने जवाब में बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उपाय किए गए हैं, जिनमें स्थिर गार्ड के रूप में सामूहिक सुरक्षा, दिन और रात में एरिया डोमिनेशन, महत्वपूर्ण स्थानों पर चौबीस घंटे नाकाबंदी, गस्त लगाना और विवेकपूर्ण कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शामिल हैं। इसके अलावा उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए जम्मू और कश्मीर में एक मजबूत सुरक्षा और खुफिया ग्रिड मौजूद है।

वहीं नित्यानंद राय द्वारा जानकारी दी गई की प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3000 सरकारी नौकरियों का सृजन किया गया है। जिनमें से 2639 कश्मीरी प्रवासियों को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है। वहीं बाकी 361 पदों के लिए प्रक्रिया चालू है।

गृह मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई कि सरकार ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए या नियुक्त किए जा रहे कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवासों के निर्माण का भी अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से 1025 इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा भारत सरकार कश्मीरी प्रवासियों को 3250 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मासिक नकद राहत की प्रतिपूर्ति करती है, बशर्ते कि इसकी अधिकतम सीमा 13000 रुपये प्रति परिवार होगी।

एसपीटी/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times