छात्रों व शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य एनसीईआरटी की पहल

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 7 दिसंबर ()। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की मदद से शिक्षा मंत्रालय ने मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया था, जिसमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और समग्र विकास पर जोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में उनकी धारणा का पता लगाने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण ने छात्रों को उन पहलुओं पर अपनी भावनाओं को प्रतिबिंबित करने और आत्मनिरीक्षण करने का अवसर दिया जो उनके कल्याण को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण में देश भर के विभिन्न स्कूलों के कक्षा 6 से 12 तक के कुल 3,79,842 छात्रों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्रालय द्वारा 06 सितंबर, 2022 को सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई थी। सर्वेक्षण के समग्र निष्कर्ष बताते हैं कि अधिकांश छात्रों ने अपने जीवन में अच्छा करने के लिए जिम्मेदार महसूस किया।

हालांकि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति, व्यक्तिगत और स्कूली जीवन से संतुष्टि, और अपनी भावनाओं और खुशी के अनुभव को साझा करने के लिए लोगों की उपलब्धता के छात्रों ने बार-बार मिजाज बदलने, पढ़ाई, परीक्षा और परिणामों के बारे में चिंतित महसूस करने की भी सूचना दी। छात्रों का यह तनाव मध्य से माध्यमिक स्तर तक बढ़ गया और लड़कों की तुलना में लड़कियों द्वारा अधिक बताया गया। छात्रों द्वारा अपनाई गई रणनीतियों में योग और ध्यान के लिए उनकी पसंद हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने मनोदर्पण नाम से एक पहल की है। इसमें छात्रों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य, कोविड प्रकोप और उसके बाद के दौरान मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों की निगरानी और मनोसामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगाया गया है। परामर्श सेवाओं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से मनोदर्पण पहल के तहत शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर एक वेब पेज बनाया गया है।

इसमें सलाह, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू), व्यावहारिक सुझाव, पोस्टर, वीडियो, क्या करें और मनोसामाजिक समर्थन के लिए दिशानिर्देश छात्रों, शिक्षकों के लिए वेब-पेज पर अपलोड किए गए हैं। एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन (8448440632) स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए स्थापित की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सलाह दी गई थी कि वे मंत्रालय की मनोदर्पण पहल का व्यापक प्रचार करें ताकि इच्छुक छात्र, शिक्षक, अभिभावक इन सेवाओं का पूरा उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी, छात्रों को उनके भावनात्मक और मानसिक कल्याण के लिए समर्थन देने, डर से निपटने में मदद करने और इनसे निपटने के तरीके खोजने के लिए शिक्षकों और परामर्शदाताओं की क्षमता को मजबूत करने में लगा है।

एनसीईआरटी शिक्षक परामर्शदाता मॉडल के साथ मार्गदर्शन और परामर्श में डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीसीजीसी) प्रदान करता है ताकि ऐसे शिक्षक शिक्षण के अलावा शैक्षणिक, व्यक्तिगत और करियर संबंधी मुद्दों से निपटने में छात्रों की मदद कर सकें।

जीसीबी/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times