भोपाल को हेल्दी सिटी बनाने की कवायद

Sabal Singh Bhati
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भोपाल, 11 दिसंबर ()। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की देश और दुनिया में पहचान तालाबों की नगरी के तौर पर है, इसे अब स्वस्थ शहर (हेल्दी सिटी) बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। यह कोशिश कितनी सफल होगी, इस पर सवाल हो रहे है क्योंकि स्मार्ट सिटी बनाने का अभियान सबके सामने है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की योजना के मुताबिक भोपाल को हेल्दी सिटी बनाया जाना है, हेल्दी सिटी का कॉसेप्ट यूरोप के देशों में है, मगर अब इसे भोपाल में भी जमीन पर उतारने की कोशिशें शुरू हुई है। अगर भोपाल में यह प्रयोग सफल होता है तो देश के अन्य शहरों में भी इसे लागू किया जाएगा।

कलेक्टर अविनाश लवानिया के मुताबिक भोपाल हेल्थ सिटी कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), मध्यप्रदेश, स्वास्थ्य प्रणाली परिवर्तन मंच (एचएसटीपी) और स्वस्ति के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें पांच स्तंभ जल, स्वच्छता, पर्यावरण, भोजन और जनसंख्या स्वास्थ्य शामिल है।

राजधानी को हेल्दी सिटी बनाने को लेकर विभागों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी हो चुकी है, जिसमें कहा गया है कि भोपाल के हेल्थ इंडिकेटर्स दूसरे शहरों से बेहतर है इसके लिए स्वस्ति नामक संस्था ने शोध भी किया है जिसमें पाया है कि भोपाल सबसे ज्यादा पोटेंशियल शहर है।

भोपाल को हेल्दी सिटी बनाने के लिए तय किए गए मापदंडों के मुताबिक शहर के खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, उनसे होने वाली बीमारियों की पहचान और उसकी रोकथाम के लिए काम किया जाएगा। साथ ही तय किए गए लक्ष्यों पर काम होगा।

इस योजना को पूरा करने में आठ साल तक लग सकते हैं, वही बैठक में मौजूद लोगों ने स्ट्रीट फूड की क्वालिटी में सुधार को जरूरी बताया। पेयजल की आपूर्ति, सीवेज सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर दिया। साथ ही साफ सफाई के प्रति जागरूकता लाने पर जोर दिया गया।

भोपाल वह शहर है जहां चुनौतियां कम नहीं हैं। इस परियोजना में तंबाकू और शराब की खपत, कुपोषण और मोटापे की व्यापकता, सड़क सुरक्षा और नागरिक भावना, वायु प्रदूषण और व्यवहार संबंधी पहलू ऐसे हैं जिन पर काम होगा, मगर यह आसान भी नहीं है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज का कहना है कि भाजपा सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है, उसकी घोषणाओं पर अमल करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं हैं। राज्य में 18 साल से भाजपा की सरकार है और क्या हाल है किसी से छुपा नहीं है। भोपाल तालाबों का शहर है मगर यह पहचान कब तक रहेगी पता नहीं, दूसरी ओर स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर सिर्फ बंदरबांट हो रही है। अब हेल्दी सिटी की बात आई है, इसमें भी लूट के आगे कुछ नहीं होगा।

भाजपा के एक नेता का कहना है कि राज्य के 2003 से पहले के हालात किसी से छुपे नहीं है, सड़कें गडढों में बदल गई थी, पानी के लिए हर तरफ हाहाकार होता था, भाजपा का जोर जनता को बेहतर सुविधाएं दिलाने पर है। वर्तमान दौर में राज्य की सड़कें, बिजली व्यवस्था ने आम आदमी की जिंदगी को सुखद बना दिया है। कांग्रेस के पास आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं है।

एसएनपी/एसकेपी

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times