कोलकाता, 11 दिसंबर ()। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले में रानीगंज के पास एग्रा-बांकुरा बाईपास पर ग्रामीणों ने मवेशी ले जा रहे दो वहानों को पकड़ा। इन वाहनों पर बिहार की नंबर प्लेट लगी थी और उनकी विंडस्क्रीन पर आरजेडी का लोगो चस्पा हुआ था।
ग्रामीणों ने बाद में दोनों वाहनों, उनके चालकों और सहायकों समेत चार लोगों को पुलिस को सौंप दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन वाहनों में तस्करी कर लाये जा रहे मवेशी थे।
स्थानीय आसनसोल (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी यूथ विंग के सचिव अविक कुमार मंडल ने दावा किया कि ग्रामीणों ने मवेशी ले जा रहे इन दो वाहनों को रोक दिया। जिन पर बिहार की नंबर प्लेट थी और दोनों वाहनों की विंडस्क्रीन पर आरजेडी का लोगो लगा हुआ था। वाहनों में मवेशियों के चालान जैसे उचित दस्तावेज नहीं थे।
सूचना पाकर जब स्थानीय रानीगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची तो ग्रामीणों ने वाहनों और चालकों को उन्हें सौंप दिया। बीजेपी यूथ विंग के सचिव ने चेतावानी दी है कि अगर पुलिस ने पशु तस्करी का मामला दर्ज नहीं किया तो हम आने वाले दिनों में जिले में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे। हालांकि, जिले के पुलिस अधिकारी इस घटना को लेकर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। रिपोर्ट दाखिल किए जाने तक इस मामले पर सत्तारूढ़ टीएमसी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य पुलिस पर राज्य में पशु तस्करी को सीधे तौर पर बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए टीएमसी सरकार पर निशाना साधा है। राज्य पुलिस आसनसोल-रानीगंज-बांकुरा स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट के राज्य-राजमार्गों और जिला सड़कों के माध्यम से मवेशियों की तस्करी की सुविधा प्रदान कर रही है।
शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि जनता के ध्यान को भटकाकर मवेशी तस्करी में शामिल वाहन आधी रात के बाद उचित दस्तावेजों के बिना चलते हैं। रात के घंटों के दौरान राज्य पुलिस पूरे ऑपरेशन की निगरानी करती है। अब यह साबित हो गया है कि सांठगांठ बिहार तक भी फैली हुई है।
एफजेड/एसकेपी