भुवनेश्वर, 13 दिसम्बर ()। ओडिशा पुलिस ने संबलपुर जिला बार एसोसिएशन के 16 वकीलों को पश्चिमी ओडिशा शहर में हाईकोर्ट की एक पीठ की स्थापना के लिए विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कोर्ट रूम में हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा 29 वकीलों का लाइसेंस सस्पेंड भी किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को संबलपुर अदालत में हिंसा की सूचना मिली थी कि जनता, अधिवक्ताओं, सिविल सोसायटी के सदस्यों और स्थानीय संगठनों ने पुलिस के साथ हाथापाई की और कोर्ट रूम में तोड़फोड़ की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जिला न्यायाधीश मानस रंजन बारिक को भी जबरदस्ती उनके चैंबर से खींच लिया।
हिंसा की सूचना उसी समय मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों और अदालतों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने के लिए ओडिशा पुलिस को फटकार लगाई। संबलपुर के एसपी बी गंगाधर ने कहा कि घटना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 16 वकीलों को गिरफ्तार किया है, अदालत के पास धारा 144 लागू की गई है। संबलपुर शहर और अदालत परिसर के पास भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है।
एसपी बी गंगाधर ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद और टीवी न्यूज के वीडियो क्लिपिंग के आधार पर हिंसा के सिलसिले में और गिरफ्तारियां की जाएंगी। जरूरत पड़ने पर हम जिलाधिकारी से संबलपुर कस्बे के कचेरी चौक में धारा 144 लागू करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करेंगे।
ओडिशा राज्य बार काउंसिल के सचिव ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने तत्काल प्रभाव से 29 अधिवक्ताओं के लाइसेंस को 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया है और संबलपुर जिला बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों को अगले आदेश तक सस्पेंड कर दिया है। संबलपुर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप बोहिदार ने कहा कि हमने अपने लाइसेंस सरेंडर करने का फैसला किया है। इसलिए, उन्होंने हमारे लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए, पश्चिमी ओडिशा के सभी बार एसोसिएशन की सेंट्रल एक्शन कमेटी ने अपने क्षेत्र में ओडिशा हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर चल रहे अपने विरोध को बंद करने का फैसला किया है।
एफजेड/एएनएम