5 विधायकों की आलोचना के बाद तेलंगाना के मंत्री ने कहा, यह एक पारिवारिक मामला है

Sabal Singh Bhati
3 Min Read

हैदराबाद, 20 दिसम्बर ()। नामांकित पदों के मुद्दे पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के पांच विधायकों द्वारा आलोचना किए जाने के एक दिन बाद श्रम मंत्री मल्ला रेड्डी ने मंगलवार को इसे पारिवारिक मामला बताया और इस बात से इनकार किया कि दोनों के बीच कोई मतभेद है।

मंत्री ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बीआरएस एक अनुशासित पार्टी है और किसी भी मुद्दे को पारिवारिक मामलों की तरह ही सुलझाया जाएगा।

मल्ला रेड्डी ने कहा, यह एक पारिवारिक मुद्दा है। हम भाइयों की तरह रहते हैं और किसी भी परिवार की तरह कुछ मामूली मुद्दे होंगे।

खुद को गांधीवादी बताते हुए मंत्री ने कहा कि वह विधायकों से बात करेंगे। उन्होंने कहा, यदि आवश्यक हुआ तो मैं उन सभी को अपने आवास पर आमंत्रित करूंगा। कुछ लोग जानबूझकर चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि नामांकित पदों पर नियुक्तियां करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि यह मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव द्वारा किया जाता है।

मेडचल मलकजगिरी जिले के पांच विधायकों ने सोमवार को आरोप लगाया था कि मल्ला रेड्डी सभी मनोनीत पदों पर कब्जा कर रहे हैं।

मलकाजगिरी, उप्पल, कुतुबुल्लाहपुर, सेरिलिंगमपल्ली और कुक्टापल्ली के विधायकों ने दुलपल्ली में मलकाजगिरी के विधायक मयनामपल्ली हनुमंथा राव के आवास पर एक बैठक की थी।

हनुमंत राव, बी. सुभाष रेड्डी, एम. कृष्ण राव, अरीकेपुडी गांधी और विवेकानंद और कुछ अन्य नेताओं ने बैठक में भाग लिया।

विधायकों ने अपने समर्थकों को पद नहीं मिलने पर खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने शिकायत की कि सभी पद मेडचल निर्वाचन क्षेत्र में जा रहे हैं, जिसका प्रतिनिधित्व मंत्री मल्ला रेड्डी करते हैं।

उन्हें मंत्री की कार्यशैली में खामी नजर आई। उनका कहना था कि मल्ला रेड्डी मार्केट कमेटी चेयरमैन की नियुक्ति जैसे अहम फैसले लेते वक्त जिले के सभी पार्टी नेताओं को साथ नहीं ले रहे थे।

कृष्णा राव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उनके निर्वाचन क्षेत्रों में अन्याय किया जा रहा है, क्योंकि सभी पद केवल एक निर्वाचन क्षेत्र को दिए जा रहे हैं।

विधायक ने कहा कि हालांकि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने नियुक्ति करते समय मल्लारेड्डी से सभी से परामर्श करने को कहा था, लेकिन वह दूसरों को भरोसे में नहीं ले पा रहे थे।

पीके/एएनएम

Share This Article
Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times