मवेशी घोटाला : अनुब्रत मंडल के खिलाफ और पुराने मामले फिर से खोलने की ईडी को आशंका

Sabal Singh Bhati
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कोलकाता, 21 दिसंबर ()। पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को पुलिस हिरासत में लेने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आशंका है कि उनके अब और पुराने मामले खोल दिए जाएंगे।

राज्य में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए मंडल को दिल्ली ले जाने से ये पुराने मामले ईडी को रोक सकते हैं।

सोमवार (19 दिसंबर) को राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा प्रोडक्शन वारंट के साथ मंडल को नई दिल्ली ले जाने के ईडी के प्रयासों को एक झटका लगा। बीरभूम अदालत ने मंगलवार को मंडल को हत्या के प्रयास के मामले में सात दिन की हिरासत में भेज दिया।

हत्या का प्रयास 2021 में हुआ था और एफआईआर सोमवार शाम को ही दर्ज की गई।

ईडी सूत्रों ने कहा कि मौजूदा मामले में पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद न्यायिक हिरासत केंद्रीय एजेंसी के लिए नए सिरे से रिमांड याचिका दायर करने के रास्ते खोलने लगेगी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि उनके कानूनी दिमाग अधिक पुराने मामलों के पुनर्जीवित होने की संभावनाओं से इनकार नहीं कर रहे हैं, ताकि बाद की पुलिस हिरासत में मंडल का कार्यकाल लंबा हो जाए और ईडी को उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में ले जाने से रोकने के लिए कई कानूनी रास्ते तलाशने का समय मिल सके।

कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता ने कहा कि कई पुराने मामलों का खुलना निश्चित रूप से एक संभावना है जो ईडी को अभियुक्तों को नई दिल्ली ले जाने से रोक सकता है। गुप्ता ने कहा, हालांकि, मैं फिर से कह रहा हूं कि ऐसी तकनीकें प्रक्रिया को एक अवधि के लिए स्थगित कर सकती हैं, लेकिन हमारे देश में न्यायिक प्रणाली की कई परतों को देखते हुए इसे हमेशा के लिए रोक नहीं सकती है। जिस तरह मंडल कई कानूनी रास्तों का दोहन कर रहा है, मुझे यकीन है कि ईडी के वकील भी यही कर रहे हैं।

ईडी की मानें तो बुधवार से शुरू होकर 27 दिसंबर तक अगले सात दिन इस मामले में बेहद अहम हैं। बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट मंडल की उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा मंजूर किए गए पेशी वारंट को रद्द करने की मांग की गई है।

23 दिसंबर को कलकत्ता उच्च न्यायालय पशु-तस्करी मामले में मंडल की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। मंडल की मौजूदा पुलिस हिरासत 27 दिसंबर को खत्म हो जाएगी और यह देखना होगा कि बीरभूम की निचली अदालत उसकी पुलिस हिरासत बढ़ाएगी या उसे न्यायिक हिरासत में भेज देगी।

पीके/एसकेपी

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times