जम्मू-कश्मीर में आकांक्षी पंचायत विकास कार्यक्रम शुरू

Sabal Singh Bhati
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जम्मू, 22 दिसंबर ()। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आकांक्षी पंचायत विकास कार्यक्रम शुरू किया है और समग्र विकास के लिए सबसे पिछड़े 285 पंचायतों (एक पंचायत प्रति ब्लॉक) का चयन किया गया है। यह घोषणा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने की।

एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन से संबंधित सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर जम्मू और कश्मीर की विभिन्न पंचायतों का विकास सूचकांक तैयार करने के लिए प्रमुख मापदंडों की एक सरणी पहले से ही पहचानी जा चुकी है। इससे जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा लागू किए जा रहे एस्पिरेशनल ब्लॉक डेवलपमेंट प्रोग्राम को कारगर बनाने में आसानी होगी।

नौ क्षेत्रों में कुल 100 मापने योग्य संकेतकों की पहचान की गई है – कृषि और संबद्ध गतिविधियां (6 संकेतक), स्वास्थ्य और पोषण (11), शिक्षा (13), ग्रामीण विकास और स्वच्छता (7), लाभार्थी-उन्मुख योजनाएं (4) ), कौशल विकास (4), बुनियादी ढांचा (17), पर्यावरण (5) और सुशासन (33), जो समय की अवधि में मौजूदा स्थिति और वृद्धिशील प्रगति की अंतर्दृष्टि देगा।

कहा गया है कि इन क्षेत्रों के महत्व के आधार पर ग्रामीण आबादी के जीवन में प्रासंगिकता के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र और उप-संकेतकों को महत्व दिया जाएगा। इन आकांक्षी पंचायतों को विभिन्न जिला/केंद्र शासित प्रदेशों की योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं/कार्यक्रमों के माध्यम से विकसित किया जाएगा।

बयान के मुताबिक, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, भूमि पासबुक, किसान क्रेडिट कार्ड, पात्र मजदूरों को जारी किए गए श्रम कार्ड जैसे निम्नलिखित मापदंडों में संतृप्ति प्राप्त करने के बाद इसके आगे के विकास के लिए योजना के तहत चयनित पंचायतों को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अन्य कार्य हैं – शिशुओं का 100 प्रतिशत संस्थागत जन्म सुनिश्चत करना, 9-11 महीने के आयु वर्ग के बच्चों का 100 प्रतिशत टीकाकरण, स्कूली बच्चों का शून्य प्रतिशत, 100 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट संग्रह और उपचार, मनरेगा कार्ड के साथ आधार सीडिंग, पीएमजेए सेहत के तहत गोल्डन कार्ड जारी करना।

संबंधित ब्लॉक में पंचायत विकास सूचकांक में चयनित 100 मापदंडों/संकेतकों पर प्राप्त कम से कम कुल स्कोर के आधार पर जम्मू-कश्मीर की 4,291 पंचायतों (प्रति ब्लॉक एक पंचायत) से लगभग 285 सबसे पिछड़ी पंचायतों का चयन किया जाएगा।

योजना विकास एवं अनुश्रवण विभाग में डाटा का विश्लेषण किया जाएगा और ब्लॉक में अति पिछड़ी पंचायत की पहचान की जाएगी, जिसका विवरण सभी संबंधित जिला विकास आयुक्तों के साथ उनके सत्यापन के लिए साझा किया जाएगा।

चयनित संकेतकों/मानकों पर सभी पंचायतों के डेटा को अपलोड करने के लिए आईटी विभाग द्वारा आकांक्षी पंचायत विकास कार्यक्रम (एपीडीपी) डैशबोर्ड विकसित किया जाएगा। इसके बाद प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों पर इन आकांक्षात्मक पंचायतों की प्रगति की निगरानी के लिए एपीडीपी डैशबोर्ड का उपयोग किया जाएगा।

एसजीके/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times