ईडी की जांच मामले में बीआरएस विधायक को अंतरिम राहत नहीं

Sabal Singh Bhati
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हैदराबाद, 28 दिसंबर ()। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक पायलट रोहित रेड्डी को झटका देते हुए तेलंगाना हाई कोर्ट ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही जांच पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश देने से बुधवार को इनकार कर दिया।

उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ ईडी की जांच पर रोक लगाने की उनकी याचिका स्वीकार की लेकिन उन्हें अंतरिम राहत नहीं दी। विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में शिकायतकर्ता रोहित रेड्डी ने अपनी याचिका में कहा कि ईडी उनसे व्यक्तिगत और पारिवारिक जानकारी एकत्र करने के लिए पूछताछ कर रही है।

विधायक के वकील ने अदालत को बताया कि विधायक को पार्टी बदलने के लिए 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। यह केवल पैसे की पेशकश थी और चूंकि कोई नकद लेनदेन नहीं था, इसलिए ईडी द्वारा जांच का कोई आधार नहीं है। अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार करते हुए अदालत ने सुनवाई 5 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

रोहित रेड्डी 19 और 20 दिसंबर को पूछताछ के लिए ईडी अधिकारियों के सामने पेश हुए थे, वह 27 दिसंबर को पेश नहीं हुए और उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले और संबंधित कार्यवाही को रद्द करने की मांग की। विधायक ने कथित तौर पर ईडी को सूचित किया कि वह तब तक एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे जब तक कि उच्च न्यायालय उन्हें ऐसा करने का निर्देश नहीं देता। उन्होंने कहा कि वह पहले ही दो बार एजेंसी के अधिकारियों के सामने पेश हो चुके हैं, भले ही वह आरोपी नहीं है, बीआरएस विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में शिकायतकर्ता हैं।

रोहित रेड्डी ने पहले आरोप लगाया था कि उन्हें झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची जा रही है क्योंकि उन्होंने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में भाजपा नेताओं का पदार्फाश किया। उन्होंने हैरानी जताई कि ईडी शिकायतकर्ता से पूछताछ क्यों कर रही है, आरोपी से क्यों नहीं कर रही है? मामले के एक आरोपी नंद कुमार से ईडी की पूछताछ पर उन्होंने आशंका जताई कि ईडी उन्हें झूठे मामले में फंसाने के लिए मनगढ़ंत बयान दिलवा सकती है।

उन्होंने कहा, चूंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए वह ईडी के नोटिस के जवाब में उसके सामने पेश हुए। उन्होंने पूछा कि बी.एल. संतोष और तुषार वेल्लापल्ली सहित भाजपा नेता विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश क्यों नहीं हुए, जो विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रहे थे।

तीन आरोपियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने सोमवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर कर दिया।

केसी/एसकेपी

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