विधायक खरीद-फरोख्त केस : तेलंगाना हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा

Sabal Singh Bhati
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हैदराबाद, 2 जनवरी ()। तेलंगाना हाईकोर्ट ने सोमवार को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा विशेष एसीबी अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया है जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष और तीन अन्य को विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में आरोपी बनाने के लिए एक मेमो को खारिज कर दिया गया था।

एसीबी की विशेष अदालत ने पिछले महीने मेमो को खारिज कर दिया था और एसआईटी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एसीबी की विशेष अदालत ने कहा था कि न तो पुलिस और न ही एसआईटी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित अपराधों की जांच करने के लिए सक्षम है और केवल स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट/एंटी करप्शन ब्यूरो ही ऐसा करने के लिए सक्षम प्राधिकारी है।

हाईकोर्ट में बहस करते हुए महाधिवक्ता बीएस प्रसाद ने कहा था कि मेमो को खारिज करने के आदेश के साथ एसीबी अदालत ने अपनी सीमाएं पार कर दी हैं। उन्होंने अदालत में अर्जी दी कि एसआईटी ने जांच के दौरान उनके खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर संतोष, केरल के राजनेता तुषार वेल्लापल्ली, केरल के डॉक्टर जग्गू स्वामी और वकील बी श्रीनिवास को आरोपी के रूप में जोड़ने का फैसला किया।

साइबराबाद पुलिस ने बीजेपी के तीन कथित एजेंटों को 26 अक्टूबर की रात को हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया था, जब वे कथित रूप से बीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देने की कोशिश कर रहे थे। साइबराबाद पुलिस ने एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर छापा मारा था। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की।

एसआईटी की अध्यक्षता हैदराबाद के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने संतोष और अन्य को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। हाईकोर्ट ने एक दिसंबर को इस मामले में तीन आरोपियों को जमानत दे दी थी। अभियुक्तों की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने 26 दिसंबर को मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रांसफर कर दिया और एसआईटी के गठन के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया था।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times