धनबाद में नकली दूध की बिक्री पर एनएचआरसी ने झारखंड सरकार और केंद्र को नोटिस भेजा

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 2 जनवरी ()। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मीडिया में आई एक रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि झारखंड के धनबाद में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए एक लीटर दूध में रिफाइंड और कास्टिक सोडा मिलाकर उसे 15 लीटर नकली दूध बनाया जा रहा है।

आयोग ने बताया कि रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि पहले दूध में सिर्फ पानी मिलाया जाता था, लेकिन अब लोगों के स्वास्थ्य की कीमत पर मुनाफा कमाने के लिए नकली दूध बनाने के लिए यूरिया, सर्फ और स्टार्च का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस नकली दूध का पता लैक्टोमीटर भी नहीं लगा सकता। आयोग ने पाया है कि यदि यह सही है, तो यह लोगों के स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों के उल्लंघन के बराबर है।

आयोग ने ये भी पाया कि प्रथम ²ष्टया, यह लोक सेवकों की ओर से एक आपराधिक लापरवाही प्रतीत होती है। इसको लेकर आयोग ने झारखंड के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को भी नोटिस जारी कर मामले में छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव को नकली दूध बेचने की व्यापकता पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

डीजीपी से विशेष रूप से एफआईआर दर्ज करने के बारे में पूछा गया है, जिसमें लगाए गए दंडात्मक अपराधों, जांच की प्रगति और आरोपी व्यक्तियों के विवरण, यदि कोई हो, का उल्लेख होना चाहिए। आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में पुलिस द्वारा शुरू की गई निवारक कार्रवाइयों का भी उल्लेख होना चाहिए। वहीं स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक को झारखंड राज्य में नकली दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री को खत्म करने के लिए की गई या प्रस्तावित निवारक कार्रवाई के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है।

आयोग ने यह भी पाया कि खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम लागू होने के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि इसे झारखंड में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धनबाद में 3 लाख लीटर दूध की डिमांड है, जबकि प्रोडक्शन 1.90 लाख लीटर ही है। यही वजह है कि नकली दूध का बड़ा बाजार है।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times