नई दिल्ली, 29 जून ()। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास के बाहर हंगामा करने पर गिरफ्तार किए गए भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के चार सदस्यों को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत दे दी है।
मंजूषा वाधवा की अवकाश पीठ ने 28 जून के आदेश में कहा, आवेदकों की भूमिका, उनके स्पष्ट पूर्ववृत्त के साथ-साथ इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मुख्य आरोपी को जमानत में भर्ती कराया गया है, आवेदक भी समानता के आधार पर जमानत के हकदार हैं।
अदालत ने अनुशेष शर्मा, प्रणव पांडे, जगदीप सिंह, सर्वोत्तम राणा को 30,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक जमानत पर जमानत दे दी।
उन पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं- 188,146,147,149,278,285,307,436,120बी के तहत आरोप लगाया गया है। इन पर एक लोक सेवक द्वारा घोषित आदेश की अवज्ञा, गैरकानूनी सभा करना, हत्या का प्रयास जैसे आरोप लगाए गए हैं।
आवेदकों की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने 21 जून को नड्डा के घर के बाहर आंदोलन में भाग लिया था और किसी को मारने का उनका कोई इरादा नहीं था। यह आगे प्रस्तुत किया गया है कि आवेदकों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उन्हें वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है।
उन्होंने तर्क दिया कि मुख्य आरोपी विशाल चौधरी, जिसने खाकी शॉर्ट पैंट को दो डंडों के किनारे पर लपेटकर आग लगा दी थी और बंगले के गेट पर रख दिया था, को 25 जून को जमानत दे दी गई।
उन्होंने कहा कि आवेदक केवल दो मुख्य आरोपियों के पीछे नारे लगा रहे थे।
लोक अभियोजक ने तर्को का विरोध नहीं किया और यह भी विवाद नहीं किया कि आवेदकों ने घटना के दौरान किसी भी व्यक्ति को संपत्ति को नुकसान या चोट नहीं पहुंचाई है।
कोर्ट को सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई गई।
दलीलें सुनने के बाद जमानत देते हुए अदालत ने आरोपी व्यक्तियों को निर्देश दिया कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करें या गवाहों को किसी भी तरह से धमकाएं नहीं और अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली एनसीआर के अधिकार क्षेत्र से बाहर न निकलें।
इसने उन्हें प्रकृति के समान किसी भी अपराध में शामिल नहीं होने के लिए भी कहा।
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