राजस्थान भाजपा के दिग्गजों को चिंतित कर रहा पार्टी का गुजरात फॉर्मूला

Sabal Singh Bhati
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जयपुर, 13 दिसम्बर ()। पड़ोसी राज्य गुजरात में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा लागू किए गए फामूर्ले से राजस्थान के कई वरिष्ठ नेताओं की नींद उड़ी हुई है। इसका कारण यह है कि गुजरात में पार्टी के कई दिग्गज नेताओं को घर बैठने को कह दिया गया था, जबकि फ्रेशर्स को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया। इस प्रयोग से राज्य में भगवा पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली।

राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में चर्चा अब इसी गुजरात फॉमूर्ले पर केंद्रित हो गई है और कई वरिष्ठ नेता दबी जुबान में इस पर चर्चा करते नजर आ रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि अगर गुजरात फॉर्मूला यहां अपनाया जाता है तो यह कई वरिष्ठ नेताओं के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा, भाजपा के लिए अगला चुनाव केंद्रीय नेतृत्व में संघ की रणनीति से लड़ा जाएगा, जो राजस्थान में काफी मजबूत है। उन्होंने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए संघ के फैसलों की अनदेखी करना बहुत मुश्किल होगा।

पार्टी गुजरात मॉडल को राजस्थान में भी अपनाना चाहती है और नए चेहरों को मौका देना चाहती है। दरअसल गुजरात चुनाव ने साफ कर दिया है कि 10 हजार वोटों से हारने वाले नए नेताओं और 20 हजार से ज्यादा वोटों से हारने वाले पुराने नेताओं को मुकाबले से बाहर रखा ज सकता है। उन्होंने कहा कि कई मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक आदि को उनके खराब प्रदर्शन के आधार पर नजरअंदाज किया जा सकता है।

राजस्थान में बीजेपी अपने पन्ना मॉडल को मजबूत करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। पार्टी पदाधिकारियों ने को बताया कि 52 हजार में से 47 हजार बूथों पर काम हो चुका है। यह स्पष्ट है कि पार्टी हारने वालों को दोबारा मौका देकर देने के मूड में नहीं है।

नए चेहरों को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका दिया जाएगा और पार्टी उनका समर्थन करेगी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह जीत का फार्मूला है, जिसका पालन गुजरात और कर्नाटक चुनावों में किया गया था।

हालांकि पार्टी का यह निर्णय संगठन के भीतर संघर्ष को बढ़ा सकता है। चुनाव केंद्रीय नेतृत्व के तहत लड़ा जाएगा और आरएसएस संकटमोचक के रूप में कार्य करेगा।

सीबीटी

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times