जम्मू-कश्मीर के राजौरी में प्रधानमंत्री आवास योजना से 65 हजार लोग लाभान्वित

Sabal Singh Bhati
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श्रीनगर, 1 फरवरी ()। जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों के लाखों लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।

कुछ साल पहले ऐसे लोगों के लिए पक्के मकान बनाना एक सपना था, क्योंकि उनके पास घर की अन्य जरूरतों को पूरा करने के बाद अपने घर के बारे में सोचने के लिए भी पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं थे, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना से अब तक हजारों लोग लाभान्वित हो चुके हैं।

इस योजना के तहत हर पंचायत में दर्जनों गरीबों को आवास निर्माण के लिए राशि दी गई। एक बड़ी उपलब्धि में, राजौरी जिला प्रशासन ने 12,044 घरों का निर्माण किया है, जिससे लगभग 65,000 लोग लाभान्वित हुए हैं।

इस योजना ने पुराने घरों को बदल दिया और उन लोगों के लिए बुनियादी ढांचे और स्वच्छता सुविधाओं में सुधार किया जो अब नए आवासों में रहते हैं।

इसके अलावा, प्रत्येक निर्मित घर में एक शौचालय है, जिसने जिले में सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता में काफी सुधार किया है।

अधिकारियों के अनुसार, निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विशेष फोकस और क्षेत्र विशेष योजना की जरूरत है।

इस संबंध में जिला प्रशासन ने एक प्रभावी रणनीति विकसित की है और यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की है कि इन महत्वपूर्ण योजनाओं को शुरू करने का उद्देश्य हर कीमत पर पूरा हो।

अधिकारियों को जिले के सभी प्रखंडों में प्रतिमाह एक हजार आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया था।

इसके अलावा आईईसी की विशेष गतिविधियां भी कराई गईं और लोगों को इस योजना के तहत घर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

रविवार को समीक्षा बैठक में जिला विकास आयुक्त ने कहा कि इस सफलता से हजारों परिवारों को सम्मानित, सस्ता और सुरक्षित आवास मिल सका है, जिससे जिले में समुदाय के बीच सुरक्षा और कल्याण की भावना पैदा हुई है।

मंजाकोट ब्लॉक की रुकिया बेगम ने कहा, पहले मैं अपने बच्चों के साथ मिट्टी के टूटे-फूटे घर में रहती थी और कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, खासकर आंधी और बारिश में, लेकिन अब सरकार की मदद से नया घर मिल गया है।

उन्होंने आवास उपलब्ध कराने के लिए एलजी और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया।

इसी तरह ब्लॉक सुंदरबनी से बाबू राम, ब्लॉक नौशेरा से अश्विनी कुमार और ब्लॉक डोंगी से ओम प्रकाश और कई अन्य ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्होंने वित्तवर्ष 2022-23 में अपना घर बनाना शुरू किया और पूरा किया है।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times