नई दिल्ली, 3 फरवरी ()। भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने शिकागो विश्वविद्यालय के साथ एक अहम साझेदारी की है। भारत और शिकागो विश्वविद्यालय के बीच हुई इस साझेदारी का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा में सुधार, जलवायु परिवर्तन के समाधान और किसानों की आय बढ़ाने में नवाचार के उपयोग के अवसरों का पता लगाना है।
इन उद्देश्यों के तहत केंद्रीय कृषि मंत्रालय के कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) ने शुक्रवार को नई दिल्ली में शिकागो विश्वविद्यालय की विकास नवाचार प्रयोगशाला (डीआईएल) के साथ साझेदारी की है। डीआईएल की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. माइकल क्रेमर, शिकागो विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विश्वविद्यालय प्रोफेसर और 2019 में अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिगेस रिक्सबैंक पुरस्कार के सह-प्राप्तकर्ता द्वारा की गयी है। इसका प्रतिनिधित्व समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर के दौरान भारत में शिकागो विश्वविद्यालय ट्रस्ट द्वारा किया गया।
यह अंतरराष्ट्रीय साझेदारी, जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में कृषि और खाद्य सुरक्षा से संबंधित नवाचार के अवसरों पर ध्यान देगी। जलवायु परिवर्तन का वर्तमान परि²श्य में अत्यधिक तापमान, बाढ़ और सूखे में वृद्धि के साथ-साथ मॉनसून प्रणाली में बदलाव के जरिए अनुभव किया जा रहा है। डिजिटल सेवाओं, मौसम के पूवार्नुमान और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन में नवाचार, किसानों को इन संकटों का सामना करने के लिए अनुकूल होने और आजीविका में सुधार लाने में मदद कर सकते हैं। इससे कृषि की पर्यावरणीय स्थिरता में भी सुधार होगा। डीआईएल, उपरोक्त और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में नवाचारों की पहचान, विकास, परीक्षण और परिशोधन के प्रयासों में डीएएंडएफडब्ल्यू की सहायता करेगा, ताकि भारत के छोटे धारक किसानों का समर्थन किया जा सके।
किसान कल्याण विभाग के सचिव मनोज आहूजा ने डीआईएल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे छोटे और सीमांत किसानों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
विकास नवाचार प्रयोगशाला (डीआईएल) कम और मध्यम आय वाले देशों में लाखों लोगों को लाभान्वित करने की क्षमता वाले नवाचारों को विकसित करने के लिए अर्थशास्त्र के उपकरणों का उपयोग करता है।
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