अजमेर के पुष्कर में बीते दिनों देर रात डीजे बजाने के विरोध पर हुए जानलेवा हमले में घायल वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखेटिया की शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। यह खबर मिलते ही अजमेर के वकीलों में भारी आक्रोश फैल गया। अजमेर सेशन कोर्ट परिसर को खाली करवाकर कार्य बहिष्कार किया गया। कई दौर की वार्ताएं बेनतीजा रहीं, और पीड़ित परिजन ने शव लेने से इनकार कर दिया।
अजमेर जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर शनिवार को अजमेर और पुष्कर बंद की घोषणा की गई। देर शाम वकीलों ने अजमेर शहर में वाहन रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया।
अजमेर में वकीलों की तीन बड़ी मांगें
- आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
- जाखेटिया के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले और मुआवजा दिया जाए।
- घटनास्थल पर स्थित शराब के ठेके को हटाया जाए और एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल लागू किया जाए।
अजमेर पुलिस ने अब तक 9 आरोपी किए गिरफ्तार
इस मामले में अजमेर पुलिस ने गुरुवार रात मुख्य आरोपी सहित तीन और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
थानाधिकारी घनश्याम सिंह राठौड़ ने बताया कि मुख्य आरोपी शक्ति सिंह (कंवलाई गांव निवासी) के साथ उसके सहयोगी पप्पू सिंह रावत (कानस गांव) और हेमराज मेघवाल (बड़ी होकरा) को गिरफ्तार किया गया। आरोपी शक्ति सिंह की जीप भी जब्त कर ली गई है।
इससे पहले, मंगलवार को तीन आरोपी प्रदीप, राहुल (बड़ी होकरा) और सोनू (छोटी होकरा) को गिरफ्तार किया गया था। बुधवार को शंकर सिंह रावत, जीतू सिंह रावत (छोटी होकरा) और दीपक रावत (बड़ी होकरा) को हिरासत में लिया गया। गुरुवार को अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी कर ली गई।
पुलिस ने घटना में मॉडिफाइड डीजे वाहन को भी जब्त किया है।
अजमेर में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का क्या अपडेट?
6 मार्च को राजस्थान के विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा में बताया कि वकीलों की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection ACT) पारित कर दिया गया है। अब केवल राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद अजमेर समेत पूरे राजस्थान में यह कानून लागू कर दिया जाएगा।
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