बूंदी के पास सुरक्षित ठिकाना खोज रही बाघिन आरवीटी-8

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हिंडोली/बूंदी। बूंदी शहर के नजदीक गुरुवार को बाघिन आरवीटी-8 के मूवमेंट की सूचना मिलने के बाद से वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। वन विभाग की टीमें बाघिन को ट्रेंकुलाइज करने के लिए पूरी तरह चौकन्ने बने हुए हैं। वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि मादा टाइगर का मूवमेंट पिछले 5 दिनों से बूंदी शहर के नजदीक बना हुआ है। इससे लग रहा है कि मादा टाइगर कहीं न कहीं अपना सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रही है। रामगढ़ विषधारी वन्य जीव अभयारण्य बूंदी शहर से सटा हुआ है, जहां रामगढ़ महल के अलावा दो प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर हैं। उत्तरी सीमा में विषधारी मंदिर और अभयारण्य क्षेत्र के उत्तर पश्चिम में रामेश्वर महादेव मंदिर स्थित है।

रामगढ़ वन्य जीव अभयारण्य बाघों के प्रजनन के लिए नर्सरी के रूप में जाना जाता है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व बाघों की आबादी बढ़ाने में सहायक है। रणथंभौर और मुकंदरा हिल टाइगर रिजर्व को जोड़ने का महत्वपूर्ण गलियारा है। 1501.8921 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ यह अभयारण्य वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के दक्षिणी पूर्वी भाग के बूंदी जिले में स्थित है। मेज नदी इसी जंगल के बीच में होकर गुजरती है, जो अभयारण्य की जीवन रेखा है और साल भर पानी की उपलब्धता बनाए रखती है। यह शायद टाइगर को आकर्षित करती है।

रामगढ़ विषधारी अभयारण्य के बूंदी शहर के नजदीक से टाइगर कालदा के जंगल होते हुए भीमलत महादेव और बिजोलिया के जंगल होते हुए टाइगर मुकंदरा हिल टाइगर रिजर्व के जंगल में पहुंच जाता है। यह गलियारा बहुत ही महत्वपूर्ण है। हालांकि, कालदा के जंगल को भी वन विभाग टाइगर के लिए तैयार कर रहा है, लेकिन ग्रामीणों के दखल के कारण इसे तैयार होने में कुछ और समय लगेगा। बाघिन का मूवमेंट बूंदी शहर के नजदीक होने के कारण कहीं कालदा के जंगल की ओर जाने का इरादा तो नहीं है। टाइगर रिजर्व के रेंजर सुमित कनौजिया ने कहा कि कालदा का जंगल यहां से बहुत दूर है।

बाघिन रणथंभौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लाई गई है और वह शायद इस जंगल में सुरक्षित ठिकाना ढूंढने के लिए घूम रही है। बाघिन की सुरक्षा में 24 घंटे के लिए तीन टीमें लगी हुई हैं। जहां उसका मूवमेंट मिलता है, तुरंत तीनों टीमें पहुंचकर उस पर निगरानी रखती हैं।

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