बदले नाम के बाद अब टॉपर्स की पुरस्कार राशि में कमी

Tina Chouhan

कोटा। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग में चलाई जा रही योजनाओं के नाम बदलने के बाद अब टॉपर्स विद्यार्थियों की पुरस्कार राशि में भी भारी कटौती कर दी गई। वहीं, बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली प्रतिभाओं को लैपटॉप देने की योजना को भी बदलकर टैबलेट योजना कर दिया गया। इससे विद्यार्थियों व अभिभावकों में रोष है। इतना ही नहीं, शिक्षक दिवस पर दिए जाने वाले शिक्षक सम्मान में भी कटौती की गई है।

पहले जिला व राज्य स्तर के साथ ब्लॉक स्तर पर भी उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता था, लेकिन अब ब्लॉक स्तर पर सम्मान की व्यवस्था खत्म कर दी गई। सरकार के निर्णय से शिक्षक वर्ग में भी नाराजगी देखने को मिल रही है। लैपटॉप योजना अब टैबलेट में बदली। शिक्षा विभाग ने हर साल 8वीं, 10वीं, 12वीं में राज्य व जिला स्तर पर 27900 लैपटॉप देने की योजना बनाई थी। तत्कालीन सरकार को 5 साल में 1.20 लाख बच्चों के लैपटॉप देने थे, जो नहीं बंटे।

पद्माक्षी पुरस्कार योजना में 15 से 25 हजार की कटौती की गई है। यह पुरस्कार 8 कैटेगरी में दिया जाता है। हर कैटेगरी में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8, 10 व 12वीं (हर संकाय में अलग-अलग) की परीक्षाओं में जिले में प्रथम रहने वाली बालिकाओं को दिया जाता है। पहले इस योजना में 8वीं की बालिका को 40 हजार, 10वीं में 75 हजार और 12वीं की छात्रा को 1 लाख रुपए पुरस्कार राशि दी जाती थी।

अब 8वीं की बालिका को 25 हजार, 10वीं में 50 हजार और 12वीं की छात्रा को 75 हजार रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे। शिक्षक नेता मोहर सिंह ने बताया कि योजना का संचालन बालिका फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। फाउंडेशन अब 33 जिलों की बजाय 41 जिलों के आधार पर चयन करेगा, जिससे बालिकाओं की संख्या बढ़ेगी। इस कारण फाउंडेशन ने पुरस्कार राशि के बजट में कटौती कर दी। पहले ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों के सम्मान पर भी कैंची चली।

पहले 50 जिलों में 150 शिक्षकों को राज्य स्तरीय, जिला स्तर-150 और ब्लॉक स्तर पर हर ब्लॉक में 3 शिक्षकों को सम्मान देना था। प्रदेश में 358 ब्लॉकों में 1074 शिक्षकों को सम्मानित किया जाना था। ऐसे में 1374 शिक्षक सम्मानित होते थे। राज्य स्तरीय- 21 हजार, जिला स्तर पर 11 हजार और ब्लॉक स्तर पर 5100 रुपए पुरस्कार राशि देने का प्रावधान था। अब राज्य स्तर पर शिक्षक सम्मान की संख्या घटाकर 66 कर दी गई। इनमें पहली से 5वीं तक 22, छठी से आठवीं तक 22 और 9वीं से 12वीं तक 22 शिक्षकों का चयन होगा।

अब 41 जिलों में 123 शिक्षकों को जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान मिलेगा। इस बार ब्लॉक स्तर की व्यवस्था खत्म कर दी गई। कांग्रेस सरकार ने जनवरी 2023 में योजना को बदलकर लैपटॉप की बजाय टैबलेट देने का निर्णय लिया। आखिरी साल में टेंडर किए। पहले चरण में 93 हजार बच्चों को टैबलेट बांटे। अब योजना में टैबलेट ही बांटे जा रहे हैं। अभिभावक कहते हैं कि सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए था, जो न करके बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाली बेटियों की पुरस्कार राशि में कटौती करना सही नहीं है।

बालिकाओं को उत्साहित करने की जगह मायूस किया जा रहा है। मनमोहन कुमार, अभिभावक संजय नगर। पद्माक्षी योजना में 12वीं बोर्ड परीक्षा की टॉपर बालिका को पहले 1 लाख रुपए पुरस्कार राशि मिलती थी, जिसे घटाकर 75 हजार रुपए कर दी गई। कटौती का निर्णय गलत है। मुरली मनोहर, अभिभावक बोरखेड़ा। छात्राएं कहती हैं कि पुरस्कार राशि में कटौती करना बेईमानी है। यह पुरस्कार राशि हमारे लिए स्कॉलरशिप की तरह है, आगे की पढ़ाई में काम आती है। तपस्या मेघवाल, छात्रा देवली अरब।

पहले सरकार ने योजना के तहत लैपटॉप देने की बात कहीं लेकिन जब मेरिट में आए तो पता चला कि लैपटॉप की जगह टैबलेट दिए जाएंगे। सरकार को छात्राओं का हित देखना चाहिए। मनभर राठौर, छात्रा ताथेड़। शिक्षक कहते हैं कि विद्यार्थियों की योजनाओं में नहीं हो कटौती। लैपटॉप, टैबलेट वितरण योजना एवं बालिकाओं से जुड़ी पद्माक्षी योजना में कटौती का निर्णय गलत है। मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा। यह मनोबल गिराने वाला कदम है।

लैपटॉप की जगह टैबलेट देना और पद्माक्षी के तहत पुरस्कार राशि में 15 से 25 हजार की कटौती करना प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का मनोबल गिराना जैसा है। नवल सिंह, शिक्षक झालावाड़। यह राशि घटाने या बढ़ाने का विषय नहीं है। योजनाओं का बजट घटाया नहीं है बल्कि बोर्ड परीक्षाओं में 90% से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। सतीश कुमार गुप्ता, विशेषाधिकारी, शिक्षा मंत्री।

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