जयपुर। पिंकसिटी की सुंदरता के बीच छिपा खतरा हर पल लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। शहर के परकोटे में 178 इमारतें जर्जर हालत में हैं, जिनमें हजारों लोग रह रहे हैं। नगर निगम जयपुर हेरिटेज प्रशासन को इसकी पूरी जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। हर साल बारिश के मौसम में नगर निगम इन इमारतों के मालिकों व रहवासियों को नोटिस जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेता है, लेकिन नोटिस देने के बाद कोई निरीक्षण या वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती।
अत: लोग मजबूरी में इन्हीं खतरनाक इमारतों में रहने को विवश हैं। मानसून शुरू होने से पूर्व निगम हेरिटेज प्रशासन ने जर्जर इमारतों का सर्वे कराया। भवन मालिकों को नोटिस देकर अधिकारी नींद में सो गए और लोगों की सुरक्षा के लिए आगे कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा दो लोगों की मौत के रूप में सामने आया है। निगम अधिकारियों की कारगुजारी देखो कि 5 सितंबर की मध्य रात्रि की घटना के बाद 4 तारीख में दूसरा नोटिस रिकॉर्ड में तैयार कर दिया।
कागजी खानापूर्ति में लगे अधिकारी शहर में जर्जर इमारतों को लेकर निगम हेरिटेज के अधिकारी घटना के बाद कागजी खानापूर्ति में लग गए और आयुक्त ने जोन उपायुक्त ने इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। इसमें जोन उपायुक्त दिलीप भंभानी ने बताया कि जर्जर इमारत को चिह्नित कर इसकी मरम्मत के लिए भवन स्वामी को 13 अगस्त को नोटिस जारी कर दिया था। अब घटना के बाद कुछ घंटे पूर्व कागजी खानापूर्ति के नाम पर 4 सितंबर को एक और नोटिस बना दिया।
जोन उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शुक्रवार एवं शनिवार की मध्य रात्रि करीब एक बजे यह बिल्डिंग गिर गई। इसके बाद एसडीआरएफ, पुलिस, निगम प्रशासन एवं जिला प्रशासन ने मौके पर जाकर राहत कार्य किए। हादसे के बाद निगम ग्रेटर भी जागा शहर के चारदीवारी क्षेत्र बारिश के चलते जर्जर भवन के गिरने से हताहत हुए लोगों के बाद नगर निगम जयपुर ग्रेटर के अधिकारी भी जागे हैं और निगम ग्रेटर क्षेत्र की जर्जर इमारतों को दुबारा सर्वे कराएगा। निगम ग्रेटर आयुक्त डॉ.
गौरव सैनी के निर्देश के बाद जोन की टीम ने शनिवार को फील्ड में रहकर जोनवार जर्जर भवनों का पुन: सर्वे किया तथा चेतावनी बोर्ड, बैनर लगाए और जर्जर भवनों में रह रहे रहवासियों को नोटिस भी दिए गए। इसके साथ ही उन्हें किसी भी प्रकार की अनहोनी या दुर्घटना होने की चेतावनी भी दी गई। जर्जर इमारतों को नोटिस देकर इतिश्री निगम हेरिटेज आयुक्त डॉ.
निधि पटेल ने बताया कि हवामहल आमेर जोन में 40 भवनों को जर्जर होने पर चिह्नित किया गया है और सभी को एक बार नोटिस देने के बाद दुबारा नोटिस देने की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही जोन में 6 सामुदायिक केन्द्रों को भी जर्जर हालात में चिह्नित किया गया है। इनमें 17 कमरे हैं। इसी प्रकार किशनपोल जोन में 79 जर्जर इमारतों को चिह्नित किया गया है।
इनमें से तीन जर्जर भवनों को ध्वस्त किया गया और शेष 76 में से 32 भवन मालिकों ने निगम हेरिटेज के नोटिस के बाद स्वयं के स्तर पर मरम्मत करवा ली और शेष 44 भवन मालिकों को फिर से नोटिस देने की कार्रवाई की जा रही है। किशनपोल जोन में तीन सामुदायिक केन्द्रों के 12 कमरों को भी जर्जर हालात में माना है। सिविल लाइन जोन में 24 भवनों का जर्जर हालात में चिह्नित कर 10 को नोटिस जारी किए हैं। जोन में 5 सामुदायिक भवनों के 17 कमरों को निगम ने जर्जर माना है।
इसी प्रकार आदर्श नगर जोन में किए गए सर्वे में 35 भवनों का जर्जर भवन के रूप में चिह्नित किया गया है। 10 भवन मालिकों ने नोटिस के बाद स्वयं के स्तर पर मरम्मत करने की निगम को सहमति दी थी लेकिन मरम्मत नहीं कराने पर फिर से नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जा रही है। आदर्श नगर जोन में 13 सामुदायिक केन्द्रों के 37 कमरों को भी जोन स्तर पर जर्जर हालात में मानकर रिपोर्ट मुख्यालय को भिजवाई है।


