अजमेर। बोराज तालाब की पाल टूटने से स्वास्तिक नगर और आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही आई है। जिले की प्रभारी मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी सोमवार को पीड़ितों के बीच पहुंचीं। उन्होंने लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर प्रभावित क्षेत्रों, कॉलोनियों, पाल, खेत और आस-पास के इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि सर्वे के अनुसार प्रभावित परिवारों को मुआवजा दिलाया जाएगा। राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत कार्यों को पूरी सतर्कता के साथ सुनिश्चित करें।
बोराज तालाब की पाल टूटने से स्वास्तिक नगर सहित आसपास की कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिससे भवनों और संपत्तियों को नुकसान हुआ है। अधिकारियों को हर संभव सहयोग प्रदान करने के लिए कहा गया है। डिप्टी सीएम ने बताया कि पूरे राजस्थान में अप्रत्याशित बारिश हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए शहरों के ड्रेनेज सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से मजबूत किया जाएगा। स्वास्तिक नगर में कई लोगों ने उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखीं, लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।
इस आपदा में कई लोगों का व्यापार बर्बाद हो गया, रोजगार के साधन खत्म हो गए और लाखों रुपए का नुकसान हुआ। मीता सोनी और उनके भाई भगवानदास सोनी ने बताया कि उनका फूड पैकेट बनाने का काम हाल में शुरू हुआ था, लेकिन इस आपदा में वह पूरी तरह बर्बाद हो गया। जितेन्द्र ने कहा कि उसका ई-रिक्शा हादसे में बर्बाद हो गया, जिससे वह बेरोजगार हो गया। कई कॉलोनियों में भी नुकसान हुआ है।
स्वास्तिक नगर के पास वर्धमान कॉलोनी और सामने स्थित कॉलोनी के निवासियों ने बताया कि जिला प्रशासन केवल स्वास्तिक नगर में ही पहुंच रहा है, जबकि उनके इलाके में भी तालाब के पानी से भारी नुकसान हुआ है। लोगों के मकानों की दीवारें टूटी हैं, फर्श धंसे हैं और कॉलोनियों में निकासी की व्यवस्था नहीं होने से पानी जमा है, जिससे बीमारियां फैलने लगी हैं। उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी की रवानगी के बाद, आसपास की कॉलोनियों के निवासियों ने सर्वे कराने और नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर फॉयसागर रोड पर कुछ देर के लिए जाम लगा दिया।
पुलिस ने समझाइश देकर जाम खुलवाया। उनका कहना था कि जिला प्रशासन उनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि वे भी स्वास्तिक नगर के लोगों की तरह बुरी तरह प्रभावित हैं। उनका भी भारी नुकसान हुआ है, लेकिन उनका सर्वे तो दूर, कोई सहायता तक नहीं पहुंच रही है।