183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में 183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में निजी कंपनी तीर्थ गोपिकॉन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) महेश कुंभानी और एक अन्य व्यक्ति गौरव धाकड़ को गिरफ्तार किया है। यह मामला इंदौर स्थित एक कंपनी द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) को जाली बैंक गारंटी जमा करने और बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित है। सीबीआई ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। गिरफ्तार दोनों आरोपितों को जल्द ही इंदौर न्यायालय के विशेष मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।

आरोप है कि वर्ष 2023 में कंपनी राज्य के छतरपुर, सागर और डिंडोरी जिलों में कुल 974 करोड़ रुपए मूल्य की तीन सिंचाई परियोजनाओं में शामिल थी। इन परियोजनाओं के अनुबंध हासिल करने के लिए कंपनी ने 183.21 करोड़ रुपए की आठ फर्जी बैंक गारंटी जमा कीं। इन्हीं गारंटियों के आधार पर एमपीजेएनएल ने कंपनी को एडवांस के तौर पर 85 करोड़ रुपए दिए थे। इसके बाद कंपनी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के ई-मेल की फर्जी डोमेन का इस्तेमाल करते हुए ई-मेल भेजकर बैंक गारंटियों की प्रमाणिकता की पुष्टि की।

इसी फर्जी प्रमाणिकता का फायदा उठाकर इंदौर की इस कंपनी ने एमपीजेएनएल से 974 करोड़ की सिंचाई परियोजनाओं के तीन अनुबंध हासिल किए थे। फिलहाल, इस मामले में सीबीआई आगे की जांच कर रही है।

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