सरकार ने कुक कम हेल्परों के मानदेय में 10% की वृद्धि की

Tina Chouhan

कोटा। सरकारी स्कूलों में मिड डे मील बनाने वाले कुक कम हेल्परों के मानदेय में सरकार ने 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। हालांकि, वर्तमान में आसमान छू रही महंगाई के दौर में यह आशिंक वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। सरकार ने एक वर्ष के इंतजार के बाद मानदेय बढ़ाया। आयुक्त मिड डे मील की ओर से जारी आदेश के अनुसार बढ़ा हुआ मानदेय 1 अप्रेल 2025 से देय होगा। अब कुक कम हेल्पर 2297 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।

नरेगा से भी कम मिल रही मजदूरी नाम न छापने की शर्त पर लाडपुरा ब्लॉक के स्कूलों में कार्यरत कुक कम हेल्पर महिलाओं का कहना है कि महंगाई बढ़ रही है लेकिन सरकार 154 रुपए ही बढ़ा रही है। यह पैसा तो घर से स्कूल आने जाने में ही खर्च हो जाता है। जबकि, स्कूलों में हजारों बच्चों का खाना बनाते हैं, बर्तन साफ करते हैं, जिसकी एवज में जो मानदेय दिया जा रहा है वो नरेगा में काम करने वाले श्रमिकों से भी कम है।

मानदेय 10 हजार प्रतिमाह करने की मांग राज्यभर में सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना में भोजन बनाने वाले कुक कम हेल्परों का मानदेय वर्तमान में बढ़ रही मंहगाई को देखते हुए 10 हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। वर्तमान में जो दस प्रतिशत मानदेय बढ़ाया है वो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। कुक कम हेल्पर का मानदेय मात्र 2297 रुपए महीना है, यानी एक दिन के मात्र 76 रुपए, जो कि न्यूनतम मजदूरी का चौथा भाग है। जबकि, सरकार ने प्रदेश में अकुशल श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 281 रुपए प्रतिदिन की थी।

ऐसे में इनके मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जानी चाहिए। – मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव बनाकर भिजवाएंगे कुक कम हेल्पर्स के मानदेय में 10% की बढ़ोतरी हुई है, जो बजट घोषणा के अनुसार की गई है। हालांकि, इनके मानदेय में बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाए जाएंगे।- सतीश कुमार गुप्ता, विशेषाधिकारी शिक्षा मंत्री

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