मोरक्को में टाटा का नया बख्तरबंद वाहन निर्माण केंद्र

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मोरक्को में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के पहले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का उद्घाटन करने वाले हैं। यह बेरेचिड में व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म के लिए है। यह अफ्रीका में भारत का पहला रक्षा उत्पादन केंद्र है। यह दिखाता है कि भारत मेक इन इंडिया से मेक फॉर द वर्ल्ड की ओर बढ़ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई देशों ने भारतीय हथियारों में रुचि दिखाई। 2014 से भारत का रक्षा क्षेत्र बहुत बदला है। पहले ज्यादातर आयात पर निर्भर थे। अब स्वावलंबन और स्वदेशी उत्पादन पर जोर है।

मेक इन इंडिया और नीतिगत बदलावों से घरेलू उत्पादन बढ़ा। विदेशी खरीद कम हुई। भारत अब उन्नत सैन्य तकनीक बनाने का केंद्र बन रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 23,622 करोड़ रुपए (लगभग 2.76 अरब डॉलर) पहुंचा। पिछले साल के 21,083 करोड़ से 12.04% या 2,539 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम के निर्यात 42.85% बढ़े। यह दिखाता है कि भारतीय उत्पाद वैश्विक बाजार में स्वीकार्य हो रहे। भारतीय रक्षा उद्योग वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बन रहा। निजी क्षेत्र: 15,233 करोड़ रुपए (पिछले साल 15,209 करोड़)डीपीएसयूएस: 8,389 करोड़ रुपए (पिछले साल 5,874 करोड़)।

सरकारी नीतियों, कारोबार आसानी और स्वावलंबन से भारत अब 100 से ज्यादा देशों को निर्यात करता है। 2023-24 के शीर्ष तीन गंतव्य: अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया। 2029 तक रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य है। भारत वैश्विक रक्षा साझेदार बनेगा। एक बड़ा मील का पत्थर मेक इन बिहार बूट रूसी सेना में शामिल। यह भारत के उच्च निर्माण मानकों को दिखाता है। 2029 तक रक्षा उत्पादन 3 लाख करोड़ और निर्यात 50,000 करोड़ का लक्ष्य है। अफ्रीका में डब्ल्यूएचएपी प्लांट भारत के विदेशी रक्षा उत्पादन की शुरूआत है। यह प्लांट भारत की वैश्विक रक्षा उपस्थिति बढ़ाएगा।

मोरक्को के साथ साझेदारी मजबूत होगी। भारत अब न सिर्फ खुद के लिए, बल्कि दुनिया के लिए हथियार बनाएगा। निर्यात में हथियार, गोला-बारूद और फ्यूज हैं, लेकिन पूर्ण हथियार सिस्टम भी जैसे- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, तोपें, चेतक हेलीकॉप्टर, डोर्नियर-228 विमान, रडार, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल, पिनाका रॉकेट, तेज इंटरसेप्टर बोट, हल्के टॉरपीडो और बख्तरबंद वाहन।

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