भीलवाड़ा। जिले के मांडलगढ़ थाना क्षेत्र में 23 सितंबर को पत्थरों के ढेर में दबा मिला 19 दिन के मासूम बच्चे को उसकी ही कुमाता ने पत्थर ठूंसकर और होंठ फेवीक्विक से चिपकाकर जंगल में फेंका था। पुलिस ने इस अमानवीय घटना के आरोप में लड़की (कुमाता) और उसके पिता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि लड़की के अपने ममेरे भाई से अवैध संबंध थे, जिससे वह गर्भवती हो गई। बदनामी के डर से पांच महीने पहले मां-बाप ने बेटी के साथ घर छोड़ दिया।
उन्होंने करीब 120 किलोमीटर दूर बूंदी के बसोली थाना क्षेत्र के गांव में पहचान छिपाकर किराए का कमरा लिया और खुद को मध्यप्रदेश निवासी बताया, जहां वे मजदूरी करने लगे। आरोपी पिता ने पहले गर्भपात की कोशिश की, लेकिन हॉस्पिटल में पकड़े जाने के डर से सफलता नहीं। 4 सितंबर को युवती की बूंदी के हॉस्पिटल में डिलीवरी हुई। जन्म के बाद बच्चे को बेचने की कोशिश की गई, लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने मासूम के मुंह में पत्थर ठूंसकर और होंठ फेवीक्विक से चिपकाकर जंगल में छोड़ दिया।
करीब 3-4 घंटे बाद हीरालाल चरवाहा उसी पत्थर के ढेर के पास आया। सिसकने की आवाज सुनकर उसने पत्थरों की तरफ देखा, तो उसे बच्चे का हाथ दिखा। उसने लोगों को बुलाया और फिर पुलिस को सूचना दी।