जालोर में रावण दहन में अव्यवस्था और लापरवाही का मामला

Kheem Singh Bhati

जालोर (उजीर सिलावट)। विजयादशमी पर शहर का प्रसिद्ध रावण दहन इस बार अव्यवस्था और लापरवाही के कारण चर्चा में रहा। जिला मुख्यालय स्थित शाह पुनाजी गेनाजी स्टेडियम में हर साल की तरह रावण दहन का आयोजन हुआ, लेकिन नगर परिषद की तैयारी और जिम्मेदारी दोनों ही गायब थीं। इसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों के सामने रावण दहन उपहास का विषय बन गया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम 6 बजे रावण दहन होना था, लेकिन नगर परिषद और ठेकेदार की लापरवाही के चलते कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले समय पर तैयार नहीं हुए।

इस कारण भगवान श्रीराम की शोभायात्रा, जो सुन्देलाव तालाब से आनी थी, उसे मंदिर में आधे घंटे तक रोकना पड़ा। जब महंत पवनपुरी महाराज और भगवान श्रीराम की सेना शोभायात्रा के साथ स्टेडियम पहुंचे, तब तक पुतले अधूरे थे। नगर परिषद के कर्मचारियों ने जल्दबाजी में क्रेन से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद को खड़ा किया, लेकिन उनके पैर लगाना भूल गए। रावण के पैर कुंभकर्ण के सामने रख दिए गए। इतना ही नहीं, पुतलों के भीतर दहन के लिए घास तक नहीं भरी गई, जिससे आग पकड़ने में दिक्कत आई।

रावण दहन की शुरुआत मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और महंत पवनपुरी महाराज ने इलेक्ट्रॉनिक रिमोट से करनी चाही, लेकिन रिमोट काम नहीं कर पाया। इसके बाद परिषद के कर्मचारी ने हाथ से आग लगाई, लेकिन केवल ऊपर का रंगीन कागज ही जला, लकड़ी ने आग नहीं पकड़ी। मजबूरी में पुतले पर पेट्रोल डाला गया, फिर भी करीब आधे घंटे तक रावण पूरी तरह नहीं जला। अंततः नगर परिषद और ठेकेदार के कर्मचारियों ने रस्सी और डंडों की मदद से पुतलों को गिराकर जलाया। कार्यक्रम में मौजूद हजारों लोग नगर परिषद की अव्यवस्था और कुप्रबंधन पर नाराज थे।

शहरवासियों ने कहा कि इस बार का रावण दहन आनंद और आस्था का नहीं बल्कि बदइंतजामी का उदाहरण बन गया। कई लोगों ने इसका वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर डाल दिए, जो तेजी से वायरल हो गए। भाजपा के कुछ पार्षदों ने भी नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ नाराजगी जताई। घटना के दौरान जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे, एसपी शैलेंद्र सिंह इंदौलिया, एएसपी मोटाराम, नगर परिषद आयुक्त दिलीप माथुर सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

स्थिति को देखकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और नगर परिषद आयुक्त को फटकार लगाते हुए ठेकेदार और जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

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