जयपुर। एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में रविवार रात हुई भीषण अग्निकांड की घटना में जहरीली गैस बनने के कारण मरीजों की मौत हुई थी। आग लगने की शुरुआत आईसीयू में बने स्टोर रूम से हुई, जहां पहले चिंगारी उठी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि स्टोर रूम से आग अंदर ही अंदर फॉल सीलिंग में बिजली की वायरिंग, एक्रेलिक मैटेरियल और प्लास्टिक से बनी वस्तुओं में लगी। चिंगारी ने इन सभी को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे धुंआ उठ गया।
आग की तीव्रता बढ़ते ही प्लास्टिक और अन्य सिंथेटिक मैटेरियल के जलने से खतरनाक गैसें कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड बनने लगी। विशेषज्ञों के अनुसार इन गैसों से महज 3 से 5 मिनट में मरीज बेहोशी की स्थिति में आ गए। अग्निकांड के दौरान बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे आईसीयू में मौजूद वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया। पहले से ही गंभीर स्थिति में भर्ती मरीजों के लिए यह दोहरी मार साबित हुई। एक ओर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हुई और दूसरी ओर जहरीली गैसों से दम घुटना शुरू हो गया।
फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री के निदेशक डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि घटनास्थल का दौरा कर साक्ष्य एकत्र किए। इन सभी तथ्यों के आधार पर एक-दो दिन में रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी।