लालसोट। शहर के एक निजी क्लिनिक में इंजेक्शन लगाने के बाद युवक की कथित मौत के मामले में परिजनों ने डॉक्टर के क्लिनिक के बाहर शव रखकर धरना शुरू कर दिया। परिजनों ने क्लिनिक के कंपाउंडर पर इंजेक्शन से रिएक्शन के कारण मौत का आरोप लगाया। उनका कहना है कि इंजेक्शन के रिएक्शन से युवक की मौत क्लिनिक पर ही हुई थी। इसके बाद भी कंपाउंडर ने उसे गंभीर बताकर रेफर कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे।
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने धरनार्थियों और परिजनों से बात कर धरना समाप्त करने की अपील की, लेकिन सहमति नहीं बनने के कारण धरना प्रदर्शन जारी रहा। मृतक के परिजनों ने प्रशासन से 50 लाख रुपए मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति, बच्चों की निशुल्क शिक्षा, परिवार के लिए घर और डेयरी बूथ आवंटन की मांग की, लेकिन सहमति नहीं बनी। एडिशनल एसपी दिनेश अग्रवाल ने बताया कि परिजनों से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। मृतक 35 वर्षीय कमलेश सैनी थे, जिनके पैर में फ्रैक्चर था। वह इलाज के लिए डॉ.
प्रमोद जैन के क्लिनिक पर आए थे और इलाज कराकर अपने घर चले गए थे। घर से जाने के बाद कमलेश की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन देने से उनकी मौत हुई है। क्लिनिक संचालक डॉक्टर प्रमोद जैन का कहना है कि इलाज में कोई गलती नहीं हुई और इंजेक्शन से रिएक्शन की बात गलत है। परिजनों ने बताया कि मृतक कमलेश सैनी कुछ दिन पहले घर के सामने फिसलकर गिर गए थे, जिससे उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था। वह एक महीने से घर पर आराम कर रहे थे।
मंगलवार को डॉक्टर प्रमोद जैन के क्लिनिक पर दिखाने के लिए गए थे, जहां डॉक्टर ने निमोनाइटिस की समस्या बताई और उपचार शुरू किया। बुधवार सुबह 10 बजे कमलेश अपने बड़े बेटे सूरज और पत्नी संतरा देवी के साथ ई-रिक्शा में क्लिनिक पर इलाज करवाने आए थे। कंपाउंडर गणेश ने उन्हें इंजेक्शन लगाया और कुछ देर बाद कमलेश की तबीयत बिगड़ने पर कंपाउंडर ने उन्हें गंभीर बताकर रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन उन्हें लालसोट स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए।


