राजनीतिक दलों को विरोधियों को निशाना बनाने से पहले दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को प्रतिद्वंद्वी दलों तथा उम्मीदवारों को निशाना बनाकर तैयार वीडियो में एआई के उपयोग को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुये सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। आयोग ने एक बयान में कहा कि 6 अक्टूबर को बिहार विधानसभा के आम चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। ये प्रावधान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर पोस्ट की जा रही सामग्री पर भी लागू होंगे।

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधान अन्य दलों की आलोचना, उनकी नीतियों, कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रहेंगे। दलों और उम्मीदवारों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना चाहिए, जो सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित न हों। इसके साथ ही राजनीतिक दलों को असत्यापित आरोपों या विकृति के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए।

आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं को विकृत करने या गलत सूचना फैलाने वाले डीप फेक वीडियो बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरणों का दुरुपयोग नहीं करने की सलाह दी है।

आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दल और उनके नेता, उम्मीदवार और स्टार प्रचारक, अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से या विज्ञापनों के रूप में प्रचार के लिए साझा की जा रही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सामग्री को डिजिटल रूप से संवर्धित जैसे स्पष्ट प्रतीकों का उपयोग कर प्रमुखता से चिह्नित करने के लिए आवश्यक उपाय करेंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनावी माहौल को खराब नहीं होने देने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

आयोग ने आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। इन दिशा-निर्देशों के किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाएगा।

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