पैकेज्ड फूड में गड़बड़ी की शिकायत करें, दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा

Tina Chouhan

कोटा। दीपावली त्योहारों पर कोटा शहर के बाजारों में हर जगह आकर्षक पैकिंग में बिस्किट, नमकीन, चिप्स, जूस, तेल, आटा, मावा और मिठाई के डिब्बे सजाए गए हैं। लेकिन हर चमकती पैकिंग के अंदर की सच्चाई हमेशा मीठी नहीं होती। हाल के महीनों में खराब या एक्सपायर्ड पैकेज्ड फूड को लेकर कोटा में शिकायतें बढ़ी हैं। सीएमएचओ टीम लगातार बाजारों, दुकानों, मेलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मॉल्स में जांच अभियान चला रही है। सीएमएचओ डॉ. नरेंद्र नागर के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा टीम में संदीप अग्रवाल और चंद्रवीरसिंह जादौन प्रमुख बाजारों में रोजाना कार्रवाई कर रहे हैं।

जांच सैंपल को तुरंत प्रयोगशाला में भेजकर रिपोर्ट जल्दी मंगवाई जा रही है। इन कार्यवाही में फूड पैकेट्स, स्नैक्स, दूध उत्पाद और तेल शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि पैकेज्ड फूड खरीदते समय उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अवश्य जांचें और कोई गड़बड़ी दिखे तो तुरंत सीएमएचओ कार्यालय के कंट्रोल नंबर या हेल्पलाइन पर शिकायत करें। भारत में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 (एफएसएसएआइ एक्ट) और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू हैं। इन कानूनों के तहत हर पैक्ड फूड आइटम पर स्पष्ट जानकारी होना जरूरी है।

निर्माता और विक्रेता दोनों जिम्मेदार माने जाएंगे। कंपनी पर 1 लाख से 10 लाख तक का जुमार्ना और लाइसेंस रद्द होने के प्रावधान हैं। पैकेजिंग और स्टोरेज सही रखे जाने चाहिए। एक्सपायर्ड या क्षतिग्रस्त प्रोडक्ट बाजार में नहीं जाने चाहिए। ग्राहक को दोषपूर्ण पैक मिलने पर रीप्लेसमेंट या रिफंड का विकल्प दिया जाना चाहिए। ग्राहक राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) 1800-11-4000 या 14404 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को केवल लाइसेंस प्राप्त ब्रांड्स का सामान बेचने की अनुमति है। अगर गलत, एक्सपायर्ड या नकली प्रोडक्ट डिलीवर होता है, तो जिम्मेदारी कंपनी और प्लेटफॉर्म दोनों की होती है।

कई बार ग्राहक जानकारी के अभाव में शिकायत नहीं कर पाते। छोटी रकम की चीजों पर शिकायत करने में हिचकिचाते हैं। ग्राहक अपनी शिकायत सीएमएचओ कार्यालय, कोटा के कंट्रोल रूम नंबर 2329259 पर दर्ज करवा सकते हैं। त्योहारों के समय ग्राहकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए। एक्सपायरी डेट प्रोडक्ट्स से दुकानदार भी परेशान हैं। कंपनियों द्वारा एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट बाजार में भेजे जाने से ग्राहकों और दुकानदारों दोनों को परेशानी होती है। कोटा के सीएमएचओ तथा खाद्य निरीक्षक को कंपनियों को समय-समय पर पाबंद करना चाहिए। कंपनियों को चाहिए कि वे एक्सपायरी डेट का सामान दुकानदार को न भेजें।

अगर गलती से भेज दिए गए हों तो उन्हें तुरंत वापस लेना चाहिए। छोटे दुकानदारों को इस स्थिति में सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान होता है। त्योहारों के समय खाद्य पदार्थों में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए रोजाना सीएमएचओ डॉ. नरेंद्र नागर के निर्देशन में रेलवे स्टेशन, दशहरा मेला, बस स्टैंड, सब्जी मंडी और शहर की कई प्रमुख जगहों पर खाद्य पदार्थों की जांच की जा रही है।

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