यमुना नदी में रसायनों के डालने का मामला गंभीर है: अखिलेश यादव

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण को दूर करने के नाम पर बिना वैज्ञानिक जांच किए केमिकल डालने की सूचना को अत्यंत गंभीर बताया है और केंद्र तथा राज्य सरकार से तुरंत संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छठ पर्व से ठीक पहले यह मामला करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। यादव ने एक्स पर लिखा कि यमुना नदी केवल जलधारा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं और संस्कृति से जुड़ी जीवन रेखा है।

बिना यह जांचे कि प्रयोग किए गए रासायनिक पदार्थों का मनुष्य के शरीर और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस तरह के कदम अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना हैं। यमुना का यह प्रदूषित जल जब मथुरा, वृंदावन होते हुए प्रयागराज में गंगा से संगमित होता है, तो यह प्रदूषण गंगा नदी तक पहुँच जाता है और फिर काशी सहित पूर्वी भारत के अनेक जनपदों को प्रभावित करता है। भाजपा सरकारें यमुना और गंगा जैसी पवित्र नदियों को अविरल और निर्मल बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही हैं।

नमामि गंगे जैसी योजनाओं पर अरबों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद गंगा और यमुना का जल प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ रहा है। नदियों की सफाई के लिए आबंटित किए गए अरबों रुपये आखिर कहाँ बह गये। इसकी गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि देश में नदियाँ केवल जल का प्रवाह नहीं, बल्कि संस्कृति, श्रद्धा और जीवन का प्रतीक हैं।

छठ पर्व जैसे पवित्र अवसर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यमुना और गंगा के जल की शुद्धता की त्वरित जांच कराई जाए, ताकि आस्था पर कोई आंच न आए।

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