केकड़ी। गोवर्धन पर्व इस बार भी घास भैरू की सवारी भय और बारूद का प्रतीक बन गई। अंगारों की होली खेलने की परंपरा ने पूरे शहर को धुएं और बारूद की कालिमा में ढक दिया। बुधवार सुबह 10 बजे से ही शहर के बाजार सहित सवारी के मार्गों पर पटाखों की बरसात शुरू हो गई। युवकों के दल एक-दूसरे पर जलते पटाखे फेंकते नजर आए। दोपहर तक यह खेल और विकराल हो गया। शहर के विभिन्न हिस्सों से झुलसे लोगों को राजकीय जिला चिकित्सालय पहुंचाया जाने लगा।
देर रात तक 250 से अधिक युवक, बच्चे और दर्शक उपचार के लिए पहुंचे, जिनमें से कई गंभीर रूप से झुलस गए थे। स्थिति इतनी बेकाबू थी कि सिटी थाना के हेड कांस्टेबल कालूराम माली को सिर पर जलते हुए पटाखे की चोट लगने से टांके लगाने पड़े। इसी प्रकार कांस्टेबल राकेश यादव का सीना और हाथ जल गया, जबकि कांस्टेबल नीरज सिंह को गंभीर चोटें आईं। सिटी थानाधिकारी कुसुमलता मीणा और डीएसपी हर्षित शर्मा भी झुलसने से नहीं बच सके। उनकी वर्दियां तक जल गईं। 200 फीट आगे-पीछे रहेगी पुलिस बयान बना विवाद का कारण।
घटनाक्रम से पहले हुई सीएलजी बैठक में एडिशनल एसपी श्योराज मल मीणा के उस बयान ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस सवारी से 200 फीट आगे और 200 फीट पीछे रहेगी ताकि लोगों को पुलिस की उपस्थिति अखरे नहीं। 50 से अधिक हिरासत में। पुलिस ने कई स्थानों पर लाठीचार्ज किया और 50 से अधिक युवकों को हिरासत में लिया, जबकि 4 को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया। सवारी के गुजरने वाले रास्तों पर कई जगह आगजनी की घटनाएं हुईं।
खिड़की गेट स्थित एक रद्दी के गोदाम में आग लग गई, जिसे नगरपालिका की दमकल ने बड़ी मुश्किल से काबू पाया।


