मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखंड के चंपावत जिले के विकास और कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने का ऐलान किया। इस अवसर पर उन्होंने टनकपुर में शारदा रिवर फ्रंट परियोजना समेत 19 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इस मौके पर सीएम धामी ने जिले में कृषि और उद्यान क्षेत्र में विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की, जिससे यहां की कृषि संभावनाओं को और बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही स्थानीय युवाओं, किसानों और व्यापारियों को लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
सीएम धामी ने कहा कि चंपावत जिले में कृषि और उद्यान के क्षेत्र में असीमित संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने विशेष रूप से कीवी उत्पादन, सेब, तिमूर मिशन और तेजपात जैसे क्षेत्रों का जिक्र किया। इन फलों और मसालों के उत्पादन में चंपावत जिला उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में अग्रणी रहा है। कृषि उत्पादन में सुधार के लिए उन्होंने पहले ही जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति से चर्चा की है। उनका कहना था कि इस विश्वविद्यालय के जरिए कृषि विज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को स्थानीय किसानों तक पहुंचाया जाएगा।
इससे कृषि उत्पादन में सुधार होगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। शारदा रिवर फ्रंट परियोजना के शिलान्यास के अवसर पर सीएम धामी ने कहा कि यह परियोजना जिले के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नया आयाम देगी। उन्होंने बताया कि भव्य और दिव्य शारदा घाट बनने के बाद यहां हरि की पैड़ी की तरह आरती आयोजित की जाएगी। सीएम ने भारत-नेपाल मैत्री की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उनका कहना था कि इस परियोजना के जरिए दोनों देशों के बीच पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा मिलेगी।
इस मौके पर स्थानीय प्रशासन, किसान समुदाय और उद्यमी वर्ग भी मौजूद थे। उन्होंने मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया और आशा जताई कि चंपावत में कृषि विश्वविद्यालय व शारदा रिवर फ्रंट परियोजना से जिले का सामाजिक और आर्थिक विकास तेज होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना होने से छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर भी मिलेगा। यह परियोजना क्षेत्रीय कृषि उत्पादन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी मदद करेगी।
सीएम धामी ने कहा कि हमारा उद्देश्य चंपावत को धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाने के साथ-साथ इसे कृषि और उद्यान अनुसंधान का मॉडल जिला भी बनाना है। विश्वविद्यालय और रिवर फ्रंट परियोजना दोनों मिलकर जिले की तस्वीर बदल देंगे।


