कोटा। राज्य सरकार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कोटा समेत राज्य की तीनों नगर निगमों में संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त किया है। प्रशासक वर्तमान निगम बोर्ड का कार्यकाल 9 नवम्बर को पूरा होने के बाद कमान संभालेंगे। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना के अनुसार जयपुर, जोधपुर व कोटा नगर निगमों में बोर्ड का कार्यकाल नवम्बर में पूरा हो रहा है। ऐसे में बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने की तिथि से नए निर्वाचित बोर्ड का गठन होने तक संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
प्रशासक नगर निगमों में निर्वाचित बोर्ड के गठन होने तक नगर निगम की शक्तियों का प्रयोग व कर्त्तव्यों का पालन करेंगे। राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर नगर निगम कोटा में संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त करने के साथ ही कोटा में अब दो की जगह एक ही नगर निगम हो गया है। जिला कलक्टर के पास संभागीय आयुक्त का चार्ज है। राज्य सरकार ने नगर निगम में प्रशासक की कमान संभागीय आयुक्त को दी है। लेकिन कोटा में संभागीय आयुक्त का पद रिक्त होने से उनका अतिरिक्त चार्ज जिला कलक्टर पीयूष समारिया के पास है।
वे ही कार्यवाहक संभागीय आयुक्त हैं। ऐसे में नगर निगम में प्रशासक का काम संभागीय आयुक्त के रूप में जिला कलक्टर ही संभालेंगे। तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत के सेवानिवृत्त होने के बाद कोटा में संभागीय आयुक्त की नियुक्ति नहीं की गई है। जिससे जिला कलक्टर के पास ही संभागीय आयुक्त का अतिरिक्त चार्ज है। नवज्योति ने किया था मामला प्रकाशित। गौरतलब है कि नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद दोनों निगमों में प्रशासक नियुक्त करने का मामला दैनिक नवज्योति ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
समाचार पत्र में 24 अक्टूबर के अंक में पेज 3 पर चुनाव होने तक प्रशासक संभालेंगे निगम की कमान शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बोर्ड भंग होने से नया बोर्ड गठित होने तक की निगम की वैधानिक स्थिति को स्पष्ट किया गया था। इधर समाचार प्रकाशित होते ही उसी दिन शुक्रवार को राज्य सरकार ने प्रशासक नियुक्त करते हुए अधिसूचना ही जारी कर दी। कलक्टर के पास चार-चार पद। कोटा में जिला कलक्टर पीयूष समारिया के पास चार बड़े पदों की जिम्मेदारी है।
जिला कलक्टर के रूप में जिले के मुखिया के साथ ही कार्यवाहक संभागीय आयुक्त, कोटा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का चार्ज भी है। वहीं अब चौथी जिम्मेदारी निगम प्रशासक के रूप में दी गई है। राजनीतिक दखल होगा खत्म। बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही बोर्ड भंग हो जाएगा। ऐसे में पार्षद, उप महापौर व महापौर का निगम में दखल खत्म हो जाएगा। बोर्ड भंग होने के बाद निगम की कमान अधिकारी संभालेंगे। हालांकि अभी तक दोनों निगमों के आयुक्तों के बारे में सरकार की ओर से कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया है।
सूत्रों के अनुसार कोटा उत्तर व दक्षिण के आयुक्त तो अपनी जगह काम करते रहेंगे लेकिन प्रशासक की कमान संभालने वाले संभागीय आयुक्त के निर्देशन व मार्गदर्शन में काम करेंगे। पार्षदों का 2 को और महापौर का 9 को होगा कार्यकाल पूरा। नगर निगम के वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल महापौर के निर्वाचन से माना जा रहा है। दोनों निगमों उत्तर व दक्षिण में महापौर का चुनाव 10 नवम्बर 2020 को हुआ था। ऐसे में महापौर का कार्यकाल 9 नवम्बर को समाप्त होगा। जबकि पार्षदों का निर्वाचन 3 नवम्बर को होने से उनका कार्यकाल 2 नवम्बर को पूरा हो जाएगा।
ऐसे में प्रशासक नगर निगम में कमान 9 नवम्बर के बाद संभालेंगे। सरकार के आदेश की करेंगे पालन। नगर निगम कोटा उत्तर आयुक्त अशोक कुमार त्यागी व दक्षिण आयुक्त ओम प्रकाश मेहरा ने बताया कि कोटा नगर निगम में सरकार ने संभागीय आयुक्त को प्रशासक नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से नया बोर्ड गठित होने तक रहेगी। इसके अलावा उन्हें अधिक जानकारी नहीं है। सरकार का जो भी आदेश होगा उसकी पालना की जाएगी।


