पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा के निर्देशन में मध्यप्रदेश पुलिस तकनीक आधारित जनसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। सायबर सेल की सक्रियता के परिणामस्वरूप गुम और चोरी हुए मोबाइल फोन की बरामदगी में सफलता मिली है। दीपावली पर्व के अवसर पर छिंदवाड़ा पुलिस ने नागरिकों को विशेष “पुलिसीय उपहार” दिया है। पुलिस अधीक्षक अजय पांडेय के नेतृत्व में ₹42 लाख 15 हजार मूल्य के 201 मोबाइल फोन बरामद कर उनके वास्तविक स्वामियों को सौंपे गए हैं। ये फोन जिले के अलावा अन्य जिलों और बाहरी राज्यों से खोजे गए थे।
तकनीकी ट्रैकिंग के माध्यम से गुम हुए मोबाइल फोन की शिकायतें विभिन्न थाना क्षेत्रों और पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्राप्त हुई थीं। सायबर सेल टीम ने इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए तकनीकी ट्रैकिंग से मोबाइल फोन बरामद किए। एक विशेष कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मोबाइल मालिकों को उनके फोन लौटाए गए। अपने गुमे हुए मोबाइल वापस पाकर नागरिकों के चेहरों पर संतोष और विश्वास झलक उठा। बरामद मोबाइल फोन विभिन्न वर्गों के लोगों के थे, जैसे शासकीय कर्मचारी, शिक्षक, सैनिक, वकील, व्यापारी, विद्यार्थी, गृहिणी, किसान, मजदूर, ड्राइवर, दुकानदार, सेल्समैन, बस संचालक और ऑटो चालक।
डीजीपी कैलाश मकवाणा ने कहा, “जनसेवा के हर क्षेत्र में पुलिस की तकनीकी क्षमता और संवेदनशीलता जनता के विश्वास की नींव है। गुम हुई वस्तुओं की बरामदगी पुलिस की दक्षता और समाज के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उल्लेखनीय है कि मात्र 3 सप्ताह में मध्यप्रदेश पुलिस ने 1,650 से अधिक गुम हुए मोबाइल फोन उनके वास्तविक स्वामियों को लौटाए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत कई करोड़ रुपये है। इस पहल में सिंगरौली जिले ने 288, विदिशा ने 275 और इंदौर ने 272 मोबाइल फोन बरामद कर लौटाए हैं।
यह उपलब्धि पुलिस की तकनीकी क्षमता, जनसंवेदनशीलता और जनविश्वास को सुदृढ़ करती है।


