राजस्थान के जिलों में आधुनिक कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना

Kheem Singh Bhati

राजस्थान सरकार ने अब जिलों में भी आधुनिक कन्वेंशन सेंटर बनाने की योजना शुरू की है, जो राजधानी जयपुर के मॉडल पर आधारित है। पहले चरण में पाली और बांसवाड़ा जिलों का चयन किया गया है। प्रत्येक जिले में कम से कम 10 हजार वर्ग मीटर (लगभग 1 लाख 7 हजार 639 वर्गफीट) भूमि पर ये सेंटर विकसित किए जाएंगे। जिला परिषदों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में उपयुक्त जमीन का चयन कर योजना तैयार करें और उसे राज्य मुख्यालय जयपुर भेजें।

बांसवाड़ा जिले में अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर के लिए ठीकरिया क्षेत्र में जमीन तलाशने का काम शुरू हो चुका है। जिला परिषद के सीईओ गोपाललाल स्वर्णकार ने मौके का निरीक्षण किया और बताया कि जमीन का चयन कर लिया गया है। अब इस पर जिला कलक्टर से चर्चा के बाद सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि जिलों की अर्थव्यवस्था को राजधानी जयपुर की तरह गति मिले और स्थानीय स्तर पर पर्यटन, व्यापार और सेवा क्षेत्र को नई दिशा मिल सके।

इन कन्वेंशन सेंटरों के निर्माण और संचालन से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बड़ी कंपनियां और संगठन भी अपने कार्यक्रम इन्हीं जिलों में आयोजित कर सकेंगे। इससे स्थानीय व्यापारियों और होटल उद्योग को भी लाभ होगा। इन परियोजनाओं के लिए सरकार ने 10 हजार वर्ग मीटर से कम जगह नहीं रखने के निर्देश दिए हैं ताकि बड़े पैमाने पर आयोजन और प्रदर्शनियां संभव हो सकें। औद्योगिक या विकास क्षेत्र कैसे तैयार होते हैं? सबसे पहले जमीन का चयन किया जाता है, फिर राजस्व विभाग की सहमति ली जाती है।

इसके बाद जिला कलक्टर की मंजूरी के साथ डिमांड जारी होती है। रीको (RIICO) द्वारा राशि जमा कराने के बाद कब्जा दिलाया जाता है। इसके बाद योजना बनाकर विकास कार्य शुरू होते हैं। अंत में प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मिलने पर भूखंडों की बिक्री प्रक्रिया तय की जाती है। बांसवाड़ा में औद्योगिक विकास की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है। जिले में रीको का यह छठा औद्योगिक क्षेत्र होगा। छींच के पास 8 हेक्टेयर में नया क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जबकि डूंगरपुर जिले के थामली में 50 हेक्टेयर भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र बनेगा।

इससे पहले बांसवाड़ा में ठीकरिया, पीपलवा, कुशलगढ़, घाटोल और परतापुर में औद्योगिक क्षेत्र बनाए जा चुके हैं, जिनमें ठीकरिया और पीपलवा पूर्ण विकसित हो चुके हैं। नए क्षेत्रों से वागड़ अंचल के युवाओं को रोजगार और उद्योगों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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