हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में एक और कदम उठाया है। राज्य में नर्सों के 400 नए पदों पर भर्ती की जा रही है। इन पदों को नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) और आउटसोर्सिंग के आधार पर भरा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रक्रिया के लिए औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं ताकि जल्द ही नियुक्तियां की जा सकें। बताया गया कि बीते चार महीनों में ही प्रदेश में करीब 600 नर्सों की भर्ती हो चुकी है, जिन्हें मेडिकल कॉलेजों और आदर्श अस्पतालों में तैनात किया जा रहा है।
सरकार का कहना है कि स्वास्थ्य संस्थानों में नर्सों की कमी को दूर करने से मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी रिक्त पदों को जल्द भरने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही, 53 डॉक्टरों की भर्ती भी की गई है, जिनकी तैनाती के आदेश जारी कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में नर्सों के 400 पदों को मंजूरी दी गई है।
हिमाचल में वर्तमान में छह मेडिकल कॉलेज, एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और लगभग 50 आदर्श अस्पताल संचालित हो रहे हैं। इसी बीच, सरकार ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना में सेवाएं देने वाले डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। यहां काम करने वाले डॉक्टरों के लिए एक साल की फील्ड पोस्टिंग की शर्त हटा दी गई है। हालांकि यह छूट केवल चमियाना अस्पताल के डॉक्टरों को मिलेगी। बाकी मेडिकल कॉलेजों और जोनल अस्पतालों में यह नियम यथावत रहेगा।
सरकार ने 10 अक्टूबर को रेजिडेंट डॉक्टरों की नीति में बदलाव किया था, जिसे अब 15 अक्टूबर को संशोधित अधिसूचना के रूप में जारी किया गया है। नई नीति के तहत सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, सीएमओ कार्यालय और स्वास्थ्य निदेशालय में की गई पोस्टिंग को बॉंड अवधि में परिधीय पोस्टिंग माना जाएगा। वहीं कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर की सेवाओं को अब इस अवधि में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, सीनियर डॉक्टरों के चयन की प्रक्रिया अब लिखित परीक्षा के माध्यम से होगी। इससे भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धात्मक बनेगी।
स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की नियुक्ति शिमला, नाहन, हमीरपुर, नेरचौक, चंबा मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में की जाएगी। सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करना और प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में भी उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है।


