पुष्कर मेले में नगीना घोड़ी बनी आकर्षण का केंद्र

Kheem Singh Bhati

राजस्थान के प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में इस बार एक घोड़ी सबकी नजरों का केंद्र बनी हुई है। पंजाब के भटिंडा से आई मारवाड़ी नस्ल की घोड़ी ‘नगीना’ अपनी सुंदरता और ऊंचाई के कारण चर्चा में है। महज 31 महीने की उम्र में इसकी ऊंचाई 63.5 इंच है और कीमत एक करोड़ रुपये बताई जा रही है। नगीना को देखने और उसके साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग मेले में जुट रहे हैं। नगीना नाम की घोड़ी का जलवा नगीना के मालिक गौरावाई पिछले 15 वर्षों से लगातार भटिंडा से पुष्कर मेले में भाग ले रहे हैं।

इस बार वे 30 घोड़े लेकर पहुंचे हैं, जिनमें नगीना सबसे खास है। गौरावाई ने बताया कि नगीना पंजाब के अंतरराष्ट्रीय अश्व शो में पांच बार विजेता रह चुकी है। इसके सौंदर्य, चाल और ऊंचाई ने देशभर के घोड़ा प्रेमियों का ध्यान खींचा है। गौरावाई का कहना है कि अब तक नगीना के लिए 55 लाख रुपये की पेशकश मिल चुकी है, लेकिन वे इसे एक करोड़ रुपये से कम में बेचने को तैयार नहीं हैं। उन्हें उम्मीद है कि मेले में इसे उचित खरीदार मिल जाएगा।

दिलबाग नामक घोड़े की संतान घोड़ी मालिक ने बताया कि नगीना दिलबाग नामक घोड़े की संतान है, जबकि उसके दादा का नाम काला कांटा है। गौरावाई ने बताया कि नगीना की खास डाइट पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है। उसे चना, सोयाबीन, कैल्शियम, विटामिन, जिंक और कॉपर का संतुलित मिश्रण उबालकर खिलाया जाता है। इसी कारण उसकी सेहत और चमक बनी रहती है। मेले में इस बार देशभर से ऊंट, गाय और घोड़े की कई नस्लें लाई गई हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने बताया कि पशुपालकों को ऑनलाइन स्थान आवंटित किया गया है।

साथ ही बिजली, पानी और चिकित्सा सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक हजारों पशु मेले में पहुंच चुके हैं, जिनमें अश्व वंश, गऊ वंश और ऊंट वंश के पशु शामिल हैं। पुष्कर पशु मेला न केवल व्यापार का बड़ा केंद्र है, बल्कि राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति का प्रतीक भी है। हर साल यहां देशभर से व्यापारी और पशुपालक अपने बेहतरीन पशु लेकर आते हैं। इस बार ‘नगीना’ जैसी घोड़ी ने मेले की रौनक को और बढ़ा दिया है।

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