हिमाचल प्रदेश सरकार बरसात के मौसम में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित और बेघर हुए परिवारों को मुआवजा प्रदान करने जा रही है। इस राहत प्रक्रिया की शुरुआत मंडी जिले से होगी, जहां लगभग 2000 परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार आपदा पीड़ितों के साथ खड़ी है और उन्हें सर्दियों से पहले राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। मंडी से शुरू होगी राहत की सौगात राहत वितरण का यह राज्यस्तरीय कार्यक्रम पांच या छह नवंबर को मंडी के ऐतिहासिक पड्डल मैदान में आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री स्वयं इस मौके पर मुआवजा राशि के चेक प्रदान करेंगे। बताया जा रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा राहत वितरण कार्यक्रम होगा, जिसमें एक ही मंच से सबसे अधिक संख्या में आपदा प्रभावितों को वित्तीय सहायता सौंपी जाएगी। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी शामिल होने की संभावना है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
यह आयोजन हिमाचल सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाएगा जिसके तहत आपदा से प्रभावित लोगों को तेजी से राहत पहुंचाने और पुनर्वास के प्रयासों को प्राथमिकता दी जा रही है। पहली किस्त के रूप में चार-चार लाख रुपये जिन परिवारों के मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं, उन्हें राहत राशि की पहली किस्त के रूप में चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे। वहीं, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों और जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों को भी तय मानकों के अनुसार मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों की सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है, ताकि किसी पात्र परिवार को राहत से वंचित न रहना पड़े। मंडी जिला हाल की आपदा में सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में शामिल रहा है। भारी बारिश, भूस्खलन और नदियों के उफान से सैकड़ों मकान ढह गए और अनेक परिवारों ने अपनी खेती-बाड़ी की जमीन व आजीविका के साधन खो दिए।
मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देश पर प्रशासन ने राहत वितरण की प्रक्रिया को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाने के आदेश दिए हैं, ताकि प्रभावित परिवारों को सर्दियों से पहले राहत और सुरक्षा का सहारा मिल सके।


