तखतगढ़ से पादरली-थुंबा मार्ग पर बढ़ते हादसे चिंता का विषय

Kheem Singh Bhati

तखतगढ़ से पादरली, थुंबा और चान्दराई तक जाने वाला मुख्य मार्ग इन दिनों अपनी खराब स्थिति के कारण हादसों का अड्डा बन गया है। वर्षों से इस मार्ग की मरम्मत नहीं होने और पुलिया की दीवार टूटे रहने के कारण वाहन चालक जान जोखिम में डालकर गुजर रहे हैं। प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस स्थिति से बेखबर हैं। धवलिया चौकी क्षेत्र में नहर पर बनी पुलिया की दीवार लंबे समय से टूटी हुई है। यहां ‘विकट मोड़’ का बोर्ड जरूर लगा है, लेकिन उसकी उपयोगिता केवल दिखावे तक सीमित है।

पिछले कुछ वर्षों में दर्जनों हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसके बावजूद लोक निर्माण विभाग और स्थानीय प्रशासन ने कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाए। हाल ही में नहर सफाई अभियान के दौरान कई अधिकारी इसी मार्ग से गुजरे, लेकिन किसी ने टूटी पुलिया पर ध्यान नहीं दिया। स्थानीय लोग बताते हैं कि रात के समय अनजान वाहन चालक इस मोड़ पर आते हैं, तो सीधे नहर में गिरने का खतरा बना रहता है।

बरसात के दौरान पादरली गांव के समीप तालाब का पानी सड़क पर भर जाता है, जिससे मार्ग कई महीनों तक अवरुद्ध रहता है। ग्रामीण मजबूर होकर इसी रास्ते से गुजरते हैं। पादरली से नारणवा-कंवराड़ा रोड भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। हाल ही में बनाई गई सड़क नवाखेड़ा फाल से चान्दराई तक एक महीने में ही टूटने लगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में निम्न गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया है। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है, यह सवाल उठता है।

आहोर विधायक और सुमेरपुर विधायक को इस समस्या के बारे में कई बार बताया जा चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय पंचायतों ने भी इस विषय पर कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पुलिया की दीवार को तुरंत दुरुस्त किया जाए, सड़क पर गड्ढों की मरम्मत की जाए और हादसों से बचाव के लिए रिफ्लेक्टर और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो यह लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।

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