आंध्र प्रदेश का तटीय क्षेत्र आज एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ तेजी से तट की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह तूफान मंगलवार शाम से रात के बीच काकिनाड़ा के पास मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच टकराने की संभावना है। वर्तमान में, यह पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है और इसकी गति लगातार बढ़ रही है।
आईएमडी के ताजा बुलेटिन में चेतावनी दी गई है कि लैंडफॉल के दौरान हवाओं की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है, जबकि कुछ क्षेत्रों में झोंके 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकते हैं। तेज हवाओं के साथ मूसलधार बारिश का भी अनुमान है। एनडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू से बात कर स्थिति की जानकारी ली है और केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पुडुचेरी, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में एनडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की हैं। तटीय क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी गई है। मोंथा तूफान का असर रेल और हवाई यातायात पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
दक्षिण मध्य रेलवे ने 27 से 30 अक्टूबर के बीच चलने वाली 72 ट्रेनें रद्द कर दी हैं, जबकि कई ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है। एयरलाइंस कंपनियों ने यात्रियों को सलाह दी है कि हवाई अड्डे के लिए निकलने से पहले उड़ान की स्थिति जांच लें, क्योंकि कई उड़ानें रद्द या विलंबित की जा चुकी हैं। आईएमडी के महानिदेशक डॉ. एम. मोहापात्रा ने बताया कि लैंडफॉल के बाद मोंथा की रफ्तार थोड़ी धीमी होगी, लेकिन इसका प्रभाव ओडिशा और छत्तीसगढ़ तक पहुंचेगा।
आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में सबसे ज्यादा खतरा है, जबकि दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। ओडिशा के 8 जिलों में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। गजपति, गंजाम, कोरापुट और रायगढ़ा जैसे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका जताई गई है। राज्य सरकारों ने एनडीआरएफ, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा है। तटीय इलाकों में 24 घंटे कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। राहत सामग्री और मेडिकल टीमें तैयार हैं। बिजली, जलापूर्ति और संचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए इंजीनियरिंग टीमें सक्रिय हैं।
अधिकारियों द्वारा ग्रामीण और तटीय क्षेत्रों का लगातार दौरा किया जा रहा है। स्थिति से निपटने के लिए हर संभव तैयारियां की गई हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी को कोई परेशानी न हो। प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी निर्देशों का पालन करें। समुद्र में किसी भी नाव या ट्रॉलर के उतरने पर सख्त रोक है। सभी बीच और पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।


